Congress Tax: दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें 100 करोड़ रुपये से अधिक के बकाया टैक्स की वसूली के लिए कांग्रेस पार्टी को आयकर विभाग की ओर से जारी नोटिस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था.
हाई कोर्ट ने कहा- 8 मार्च के आदेश में हस्तक्षेप का कोई कारण नहीं
जस्टिस यशवंत वर्मा और जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव की पीठ ने कहा कि आईटीएटी के 8 मार्च के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है. हाई कोर्ट ने पिछले मंगलवार को कांग्रेस और आयकर विभाग की दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.
कांग्रेस ने आईटीएटी के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट का किया था रुख
कांग्रेस ने आयकर विभाग की ओर से 13 फरवरी को जारी वसूली नोटिस पर आईटीएटी द्वारा रोक लगाने से इनकार करने के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख किया था. कांग्रेस के वकील ने अदालत से आग्रह किया था कि उसे राहत दी जाए अन्यथा पार्टी धराशायी हो जाएगी.
कांग्रेस को चुकाना है कुल 135.6 करोड़ रुपये का टैक्स
आकलन अधिकारी के मुताबिक 2018-19 के लिए पार्टी की आय 199 करोड़ रुपये से अधिक थी और इसके आधार पर 100 करोड़ रुपये से अधिक कर की मांग की. आयकर विभाग के वकील ने अदालत को सूचित किया था कि मूल कर मांग 102 करोड़ रुपये थी और ब्याज सहित यह बढ़कर 135.06 करोड़ रुपये हो गई. उन्होंने कहा कि अब तक 65.94 करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है.
कांग्रेस ने कहा था, लोकसभा चुनाव से पहले खातों से लेनदेन पर रोक लोकतंत्र पर हमला
न्यायाधिकरण ने स्थगन आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया था, हमें नहीं लगता कि अधिनियम की धारा 226 (3) के तहत 13 फरवरी, 2024 को मूल्यांकन अधिकारी द्वारा जारी वसूली नोटिस में तथ्यों की कमी है, जिससे हमें हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है. पार्टी ने इससे पहले कहा था कि आयकर न्यायाधिकरण द्वारा लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उसके खातों से लेनदेन पर रोक लगाना लोकतंत्र पर हमला है.