लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों और उनके आचरण के कारण गुरुवार को उन्हें सदन से निलंबित कर दिया गया. उनके खिलाफ इस मामले को जांच के लिए विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया गया. प्रस्ताव के अनुसार, विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक कांग्रेस नेता चौधरी सदन की कार्यवाही से निलंबित रहेंगे.
संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने निलंबन का प्रस्ताव पेश किया
संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने इससे जुड़ा एक प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दी. इससे पहले, कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के सदस्य सदन से वॉकआउट कर चुके थे.
निलंबन पर क्या बोले अधीर रंजन
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, मैंने पीएम मोदी का अपमान नहीं किया है. मोदी जी हर बात पर बोलते हैं लेकिन मणिपुर मुद्दे पर वह ‘नीरव’ बैठे हैं, जिसका मतलब है चुप बैठना. ‘नीरव’ का मतलब है चुप रहना. मेरा इरादा पीएम मोदी का अपमान नहीं करना था… पीएम मोदी को ऐसा नहीं लगा कि उनका अपमान किया गया है, उनके दरबारियों (दरबारी) को ऐसा लगा और उन्होंने मेरे खिलाफ यह प्रस्ताव लाया. मुझे पता चला कि (मामला) विशेषाधिकार समिति को भेजा गया है और मुझे निलंबित कर दिया गया है.
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#WATCH | Leader of Opposition in Lok Sabha Adhir Ranjan Chowdhury says, “I had to (walkout) because even today the PM remained 'Nirav' on the issue of Manipur. So, I thought what is the use of seeing the new 'Nirav Modi'. PM Modi says the whole country is with him but why is he… pic.twitter.com/tr4sByGMVz
— ANI (@ANI) August 10, 2023
अधीर रंजन चौधरी ने महाभारत का संदर्भ देकर पीएम मोदी पर किया हमला
सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए अंधीर रंजन चौधरी ने महाभारत के एक संदर्भ का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री के खिलाफ कुछ टिप्पणी की थी जिसे आसन ने तत्काल रिकॉर्ड से हटाने का निर्देश दिया. इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह समेत सत्तापक्ष के कई सदस्यों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की.
अधीर रंजन चौधरी के बयान पर आक्रामक हुए बीजेपी नेता वीरेंद्र सिंह
अधीर रंजन चौधरी ने जब पीएम मोदी को लेकर विवादित टिप्पणी की, तो बीजेपी सदस्य वीरेंद्र सिंह को आक्रामक होते देखा गया. इस घटनाक्रम के समय प्रधानमंत्री मोदी भी सदन में मौजूद थे. प्रधानमंत्री मोदी जब चर्चा का जवाब दे रहे थे तो उस समय भी चौधरी ने कई बार टोका-टाकी की.
प्रहलाद जोशी ने अधीर रंजन चौधरी पर देश की छवि कम करने का लगाया आरोप
चर्चा पर प्रधानमंत्री के जवाब के बाद जोशी ने कहा, जब प्रधानमंत्री, मंत्री बोलते हैं या कोई चर्चा होती है तो कांग्रेस के नेता (चौधरी) जानबूझकर व्यवधान पैदा करने की कोशिश करते हैं…उनको इसकी आदत हो गई है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि वह इस सदन की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता हैं. जोशी ने कहा, बार-बार कहने पर भी उन्होंने सुधार नहीं किया. वह आधारहीन आरोप लगाते हैं. देश और देश की छवि कम करने की कोशिश करते हैं, जबकि उनके आरोप में कोई तथ्य नहीं होता. कभी क्षमा नहीं मांगते. उन्होंने कहा, बुधवार को गृह मंत्री के बोलने के समय भी उन्होंने ऐसा किया था.
बीजेपी सांसद ने सदन से माफी मांगी
भारतीय जनता पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह ने चौधरी की टिप्पणी के बाद अपनी प्रतिक्रिया के लिए आसन और सदन से माफी मांगी. उन्होंने कहा, मैं हमेशा सदन के सम्मान को ध्यान में रखता हूं. हम अपने नेता (प्रधानमंत्री मोदी) के अपमान को बर्दाश्त नहीं कर पाए, उसके लिए मैं क्षमा चाहता हूं.
अधीर रंजन ने बीजेपी पर लगाया गंभीर आरोप
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जिनके राजनीतिक पूर्वज अंग्रेजों के साथ थे वो ‘भ्रष्टाचार क्विट इंडिया’ और ‘परिवारवाद क्विट इंडिया’ की बात कर रहे हैं. उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, क्विट इंडिया होना चाहिए. सांप्रदायिकता से क्विट इंडिया, ध्रुवीकरण से क्विट इंडिया, भगवाकरण से क्विट इंडिया.
अधीर रंजन चौधरी ने पीएम मोदी पर बोला हमला
अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा, यह हमारी संसदीय प्रक्रिया की ताकत है कि प्रधानमंत्री को हम सदन में लेकर आए हैं. उन्होंने कहा, उन्हें मणिपुर के लोगों से कम से कम एक बार मन की बात करनी चाहिए थी. चौधरी का कहना था, हर चीज के बारे में प्रधानमंत्री बोलते हैं, प्रधानमंत्री चांद से लेकर कूनो के चीता तक हर चीज पर बोलते हैं, लेकिन मणिपुर पर चुप्पी साध लेते हैं. कांग्रेस नेता ने कहा, आप (मोदी) एक बार नहीं, सौ बार प्रधानमंत्री बनें, हमें कोई फर्क नहीं, हमें कोई लेनादेना नहीं, हमें भारत की जनता के साथ लेनादेना है…हमने मणिपुर की दशा देखी…कम से कम देश का मुखिया होने के नाते मणिपुर के लोगों को संदेश देना चाहिए था. आपकी तरफ से शांति का कोई पैगाम लेकर कोई कार्रवाई होनी चाहिए थी.