लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कहा कि राहुल गांधी ने सही जगह पर निशाना साधा है और इससे बीजेपी में खलबली मची हुई है. पहली बार कोई सत्ताधारी दल किसी उद्योगपति की पैरवी कर रहा है. यह हम अपनी ओर से नहीं कह रहे हैं, यह हिंडनबर्ग रिपोर्ट में आया है और हम इस मुद्दे को उठा रहे हैं. इसमें गलत क्या है ?
अधीर रंजन चौधरी ने राहुल गांधी पर सत्ता पक्ष की ओर से लगातार हो रहे हमलों को लेकर कहा कि आज राहुल गांधी ने सबको पप्पू बना दिया. अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री के संबोधन से पहले बीजेपी ने सभी ब्रिगेडियर राहुल गांधी के खिलाफ उतार दिए हैं. साथ ही, उन्होंने सदन में चीन का मुद्दा भी उठाया.
इसके साथ ही, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने अपने भाषण की शुरुआत में ‘राष्ट्रपति की पहचान आदिवासी तक सीमित’ किए जाने पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा, ‘जब राष्ट्रपति का अभिभाषण होता है, तो उनकी जाति या पहचान को लेकर कोई बात नहीं होती थी, लेकिन इस बार पूरे देश में ये ढिंढोरा पीटा जा रहा है कि बीजेपी ने एक आदिवासी को प्रेसीडेंट बना दिया. बीजेपी ने इसे चुनावी मुद्दा बना दिया है.
उन्होंने कहा कि हमारे देश में 15 राष्ट्रपति बन चुके हैं, लेकिन हम कभी उनकी जाति, धर्म पर चर्चा नहीं करते हैं. ये उन्होंने अपने भाषण आगे कहा कि आदिवासी-आदिवासी करके ऐसे लग रहा है कि आपने दान कर दिया है, मैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ओबीसी दादा, ओबीसी दादा नहीं कहते हैं. उन्होंने बीजेपी से पुछा कि ये क्या होता है आदिवासी, आदिवासी? आप दया नहीं, हमारे महामहिम की काबिलियत पर भरोसा कीजिए, यही उनका सम्मान होगा.
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वहीं, अधीर रंजन चौधरी के भाषण पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने नियम 252-2 का हवाला देते हुए आपत्ति जताई कि राष्ट्रपति के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता है. इसके कुछ देर तक सदन में गहमागहमी का माहौल बना रहा.