नयी दिल्ली : पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री और कर्नाटक के पूर्व राज्यपाल हंस राज भारद्वाज का रविवार को 83 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. यह जानकारी उनके परिवार ने दी. कानून मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने भारद्वाज के निधन पर शोक प्रकट किया है.
भारद्वाज (83) के परिवार में पत्नी, एक बेटा और दो बेटियां हैं. उनके परिवार ने बताया कि उन्होंने शाम करीब साढ़े छह बजे साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में अंतिम सांस ली. उन्हें बुधवार को गुर्दा संबंधी परेशानियों के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था. भारद्वाज के पुत्र अर्जुन भारद्वाज बताया कि दिवंगत कांग्रेस नेता का सोमवार को दिल्ली के निगमबोध घाट पर शाम 4 बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा.
हंस राज दिग्गज कांग्रेसी नेता थे. 19 मई 1937 को जन्मे हंसराज 22 मई 2004 से 28 मई 2009 तक देश के कानून मंत्री रहे. सबसे लंबे समय तक कानून मंत्री रहने का उन्हें मौका मिला. हंसराज कानून मंत्री के बाद कर्नाटक के राज्यपाल भी रहे. 2009 से 2014 तक वो कर्नाटक के राज्यपाल रहे और फिर 2012-2013 में कर्नाटक के साथ-साथ केरल के भी राज्यपाल रहे. इसके अलावा हसंराज 1982, 1994, 2000 और 2006 में राज्यसभा के भी सदस्य रहे.
हंसराज उन कांग्रेसी नेताओं में थे जो खुल कर राहुल गांधी का विरोध करते थे. उन्होंने कभी भी राहुल गांधी को नेता नहीं माना. उन्होंने हमेशा राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाया. 2018 में उन्होंने कहा था, मैं राहुल गांधी को एक नेता के रूप में स्वीकार नहीं करता. वह इस बात को तभी समझेंगे जब वह कोई पद को प्राप्त करेंगे. 2014 में कांग्रेस की करारी हार पर उन्होंने कहा था, भाजपा से मुकाबला करने में कांग्रेस बहुत कमजोर साबित हुई. कांग्रेस और राहुल गांधी ने ग्राउंड रिपोर्ट को नहीं समझ पाये.