दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर पिछले महीने भर से जारी किसानों के विरोध प्रदर्शन (Farmers Protest News) के बीच मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों (Farmer laws) को लेकर आरएसएस (RSS) और जनसंघ पर बड़ा हमला किया है.
कमलनाथ ने कहा, आजादी के बाद RSS और जनसंघ की सोच निजीकरण की थी. जनसंघ ने बैंकों के राष्ट्रीयकरण का विरोध किया था. ये इतिहास है, मेरी सोच नहीं है.
एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आगे कहा, जब कोयले के खादानों का राष्ट्रीयकरण किया तो जनसंघ ने इसका विरोध किया. ये इनकी सोच थी. उन्होंने कृषि कानूनों को लेकर कहा, 3 कानून हमारे कृषि क्षेत्र का निजीकरण करना है. उन्होंने आगे कहा, केंद्र सरकार का कृषि कानून एमएसपी को खत्म कर देगा.
16 जनवरी को कांग्रेस का किसान सम्मेलन
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में कांग्रेस मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में 16 जनवरी को किसान सम्मेलन करने वाली है. इसके अलावा पार्टी की ओर से 20 जनवरी को एक बड़ा आयोजन भी करने की तैयारी है.
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एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमनाथ ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि केंद्र सरकार किसानों को खत्म करने की कोशिश में है. उन्होंने कानून पर सवाल उठाते हुए कहा, सरकार के कृषि कानून की बुनियाद ही कमजोर है. उन्होंने आगे कहा, इस कानून के लागू हो जाने से किसान कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग के लिए मजबूर हो जाएगा. उन्होंने बताया कि किसानों को जागरुक करने के लिए कांग्रेस पार्टी की ओर से एमपी के छिंदवाड़ा में 16 जनवरी को किसान सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा और फिर 20 जनवरी को विशास जनसभा का अयोजन किया जाएगा.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में पिछले महीने भर से हजारों किसान दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर जमे हुए हैं. सरकार के साथ 7वें दौर की वार्ता भी विफल रही है. किसान कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग पर अब भी अड़े हुए हैं. हालांकि किसानों के चार प्रस्ताव में से दो पर सरकार के साथ सहमति बन चुकी है और दो मुद्दे कृषि कानून और एमएसपी पर अब भी पेंच फंसी हुई है.
Posted By – Arbind kumar mishra