नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया, जयराम रमेश ने मोदी सरकार को घेरा
Congress On Demonetization: कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोमवार को कहा कि यह कहना पूरी तरह से गुमराह करने वाली और गलत बात है कि सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी को जायज ठहराया है.
Congress On Demonetization: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार के 2016 में 500 और 1000 रुपये की श्रृंखला वाले नोट बंद करने के फैसले को अनुचित नहीं ठहराया जा सकता. न्यायमूर्ति एसए नजीर की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि इस संबंध में फैसला आरबीआई (RBI) और सरकार के बीच विचार-विमर्श के बाद किया गया. वहीं, नोटबंदी पर शीर्ष अदालत के फैसले पर कांग्रेस पार्टी ने प्रतिक्रिया दी है.
नोटबंदी एक बर्बादी वाला फैसला
कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि यह कहना पूरी तरह से गुमराह करने वाली और गलत बात है कि सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी को जायज ठहराया है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में यह भी कहा कि शीर्ष अदालत ने इस पर फैसला सुनाया है कि क्या रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 26(2) को नोटबंदी की घोषणा से पहले सही ढंग से लागू किया गया या नहीं. उन्होंने आरोप लगाया कि नोटबंदी एक बर्बादी वाला फैसला था, जिससे आर्थिक प्रगति थम गई और लाखों नौकरियां चली गई. रमेश के अनुसार, न्यायालय के निर्णय में यह कहीं भी नहीं कहा गया है कि नोटबंदी के जो उद्देश्य बताए गए थे, वह पूरे हुए या नहीं.
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने दी ये प्रतिक्रिया
वहीं, पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि 4:1 के बहुमत से दिए गए फैसले ने इस सवाल को स्पष्ट कर दिया है कि क्या नोटबंदी के उद्देश्य हासिल किए गए? कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने एक ट्वीट में कहा, एक बार माननीय उच्चतम न्यायालय ने कानून घोषित कर दिया है, तो हमें इसे स्वीकार करना ही होता है. हालांकि, यह इंगित करना आवश्यक है कि बहुमत ने निर्णय की बुद्धिमता को बरकरार नहीं रखा है, और न ही बहुमत ने यह निष्कर्ष निकाला है कि बताए गए उद्देश्य हासिल किए गए. उन्होंने कहा, वास्तव में बहुमत ने इस सवाल को स्पष्ट कर दिया है कि क्या उद्देश्यों को हासिल किया गया या नहीं? उन्होंने कहा, हम खुश हैं कि अल्पमत फैसले ने नोटबंदी में अवैधता और अनियमितताओं की ओर इशारा किया है. यह सरकार को हल्की फटकार हो सकती है, लेकिन इसके बावजूद यह स्वागत योग्य है. उन्होंने कहा कि असहमति का फैसला अदालत के इतिहास में दर्ज प्रसिद्ध असहमति में शुमार होगा.