भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर तंज कसते हुए नेताओं को जय श्री राम नहीं, बल्कि जय सियाराम कहने की नसीहत दी. इसके बाद से भाजपा उनपर हमलावर है. दरअसल, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के नेताओं ने राहुल गांधी को इस बयान पर घेरते हुए कई ट्वीट किए है और उन्हें नाटक मंडली का नेता बताया है.
राहुल गांधी ने आरएसएस और भारज को दी नसीहत
राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा था कि आरएसएस और भाजपा के जो भी नेता और कार्यकर्ता हैं वे सभी जय श्री राम के अलावा जय सिया राम और हे राम बोला करें. उन्होंने कहा था, बीना सीता के राम अधूरे हैं इसलिए हमें सीता जी के साथ जोड़कर राम का नाम लेना चाहिए. दोनों एक ही हैं. उन्होंने कहा, भगवान राम ने माता सीता के लिए लड़ाई लड़ी थी. इसलिए भी हम सभी को भागवान राम के साथ माता सीता का नाम लेना चाहिए.
कांग्रेस ने श्रीराम के अस्तित्व को नकारा- केशव प्रसाद मोर्य
राहुल गांधी के बयान पर उत्तर प्रेदश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मोर्य ने शनिवार को ट्वीट किया. उन्होंने कहा, भगवान श्रीराम के अस्तित्व को नकारने वाली कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी को जय श्रीराम न सही, भाजपा ने जय सियाराम बोलने के लिए विवश कर दिया है. उन्होंने कहा, यह भाजपा की वैचारिक विजय और कांग्रेसी विचारधारा की हार है. अभी आपसे जय श्री राधारानी सरकार की और जय श्रीकृष्ण भी कहलवाना है.
राहुल गांधी ने कभी रामायण के पन्ने नहीं पलटे- नरोत्तम मिश्रा
वहीं, मध्यप्रेदश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि राहुल बाबा का ज्ञान बाबा- बाबा ब्लैक शिप’ तक ही सीमित है. उन्होंने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने गीता के पन्ने कभी पलटे नहीं होगें और रामायण कभी पढ़ी नहीं होगी,तो वो कैसे जानेंगे कि राम के नाम की शुरुआत ‘श्री’ से ही होती है. इसके अलावा यूपी के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक