राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, कहा- केंद्र ने माफ किए 23 खरब रुपये का कर्ज, 11 करोड़ परिवारों को मिलते 20-20 हजार
Latest Politics News Updates कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक बार फिर मोदी सरकार पर उद्योगपतियों को मदद पहुंचाने का आरोप लगाते हुए केंद्र पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा है कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने इस साल कुछ उद्योगपतियों का करीब 23 खरब रुपये का कर्ज माफ किया है. दावा करते हुए राहुल गांधी ने आगे लिखा है, इस राशि से कोविड के मुश्किल समय में 11 करोड़ परिवारों को 20-20 हजार रुपये दिए जा सकते थे.
Latest Politics News Updates कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक बार फिर मोदी सरकार पर उद्योगपतियों को मदद पहुंचाने का आरोप लगाते हुए केंद्र पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा है कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने इस साल कुछ उद्योगपतियों का करीब 23 खरब रुपये का कर्ज माफ किया है. दावा करते हुए राहुल गांधी ने आगे लिखा है, इस राशि से कोविड के मुश्किल समय में 11 करोड़ परिवारों को 20-20 हजार रुपये दिए जा सकते थे.
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रुपय का क़र्ज़ इस साल मोदी सरकार ने कुछ उद्योगपतियों का माफ़ किया।
इस राशि से कोविड के मुश्किल समय में 11 करोड़ परिवारों को 20-20 हज़ार रुपय दिए जा सकते थे।
मोदी जी के विकास की असलियत!— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 31, 2020
गौर हो कि कोरोना संकट (Corona Crisis) के शुरुआती दौर में ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार (Modi Government) से बार-बार अपील करते हुए कहा था कि वह लोगों को कम से कम 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद करें. नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी ने भी राहुल गांधी के इस प्रस्ताव का समर्थन किया था.
इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने किसान संगठनों और सरकार के बीच नये दौर की बातचीत की पृष्ठभूमि में बुधवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर देश के किसान विश्वास नहीं करते.
उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी इन दिनों विदेश यात्रा पर है. विदेश से लौटने पर वे सात जनवरी से पार्टी के विभिन्न प्रतिनिधि मंडलों से मुलाकात करेंगे. ऐसा माना जा रहा है पार्टी के नेता उनसे एक बार पुन: कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने की पेशकश करेंगे. उम्मीद है कि सहमति बनी तो कांग्रेस कार्यसमिति ही राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष चुन लिया जायेगा. उसके बाद कांग्रेस अधिवेशन बुलाकर राज्यों से चुने गए एआईसीसी के प्रतिनिधि उस पर अपनी मुहर लगा देंगे. इससे चुनाव की प्रक्रिया नहीं करनी पडे़गी.
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