प्रवासी मजदूरों की दशा को लेकर कांग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाला पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिह सुरजेवाला कोविड-19 लॉकडाउन की वजह वजह से देश में फंसे कामगारों की दुर्भाग्यपूर्ण और दयनीय स्थिति के मामले में हस्तक्षेप करना चाहते हैं और उन्होंने इस संबंध में बुधवार को उच्चतम न्यायालय में एक अर्जी दाखिल की. न्यायालय ने मंगलवार को ही इन कामगारों की स्थिति का स्वत: संज्ञान लेते हुये केन्द्र और सभी राज्य सरकारों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों से जवाब मांगा है.

By Agency | May 27, 2020 4:28 PM

नयी दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिह सुरजेवाला कोविड-19 लॉकडाउन की वजह वजह से देश में फंसे कामगारों की दुर्भाग्यपूर्ण और दयनीय स्थिति के मामले में हस्तक्षेप करना चाहते हैं और उन्होंने इस संबंध में बुधवार को उच्चतम न्यायालय में एक अर्जी दाखिल की. न्यायालय ने मंगलवार को ही इन कामगारों की स्थिति का स्वत: संज्ञान लेते हुये केन्द्र और सभी राज्य सरकारों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों से जवाब मांगा है.

यह मामला 28 मई को सुनवाई के लिये सूचीबद्ध है. कांग्रेस के आधिकारिक प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा कि वह जगह जगह फंसे या लंबी यात्रा तय कर रहे कामगारों की दुश्वारियों को कम करने के लिये न्यायालय को कुछ महत्वपूर्ण उपायों के बारे में अवगत कराना चाहते हैं जिन पर केन्द्र विचार कर सकता है. वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिघवी द्वारा अंतिम रूप दिये गये इस आवेदन में कहा गया है कि इन कामगारों की समस्याओं पर विचार करने के लिये विपक्षी दलों के साथ मिलकर कोई संयुक्त समिति गठित करने में केन्द्र सरकार के विफल रहने की वजह से आवेदक (सुरजेवाला) और विपक्षी दल या किसी भी सांसद द्वारा बताये गये उपायों पर सरकार विचार करने में असफल रही है.

सुरजेवाला ने सुझाव दिया है कि केन्द्र को तत्काल जिला और ग्राम स्तर पर इन कामगारों के लिये स्वागत और सुविधा केन्द्र स्थापित करने चाहिए और उन्हें उनके पैतृक जिलों तथा गांवों तक जाने की सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए. न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने मंगलवार को इन कामगारों की दयनीय स्थिति और उनके समक्ष पेश आ रही कठिनाईयों का संज्ञान लेते हुये कहा था कि केन्द्र और राज्य सरकारों को इन कामगारों के लिये नि:शुल्क भोजन और आवास के साथ ही पर्याप्त परिवहन की सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए.

पीठ ने कोविड-19 महामारी के संक्रमण के दौरान लागू लॉकडाउन की वजह से महानगरों से पैदल और साइकिल पर अपने अपने घर की ओर जा रहे इन कामगारों की दयनीय स्थिति के बारे में मीडिया की तमाम खबरों का स्वत: ही संज्ञान लिया. पीठ ने इस स्थिति को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुये केन्द्र और राज्य सरकारों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों से 28 मई तक जवाब मांगा है

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