पंजाब असिस्टेंट प्रोफसर भर्ती केस : परगट सिंह के समर्थन में उतरे कांग्रेसी नेता, बादल के आरोपों पर किया पलटवार
पंजाब के कांग्रेसी नेताओं ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को माफियाओं का सरगना करार देते हुए कहा कि उन्हें परगट सिंह के खिलाफ बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.
चंडीगढ़ : हायर एजुकेशन के क्षेत्र में तथाकथित तौर पर असिस्टेंट प्रोफसरों की भर्ती में धांधली के आरोपों के विरोध में पंजाब के कांग्रेसी विधायक वहां के शिक्षा मंत्री परगट सिंह के समर्थन में उतर आए हैं. इन नेताओं ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह के उस बयान पर पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के मामले में धांधली का आरोप लगाया है.
पंजाब के कांग्रेसी नेताओं ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को माफियाओं का सरगना करार देते हुए कहा कि उन्हें परगट सिंह के खिलाफ बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. पंजाब कांग्रेस की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, पार्टी के विधायक कुलजीत सिंह नागरा, बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा, कुलबीर सिंह जीरा और अमित विज ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को परगट सिंह की ईमानदारी पर शंका प्रकट करने का भी नैतिक अधिकार नहीं है.
कांग्रेस के इन विधायकों ने सुखबीर सिंह बादल के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए हायर एजुकेशन मिनिस्टर परगट सिंह लगातार मेहनत कर रहे हैं, जबकि सुखबीर सिंह बादल ने अपने राज में माफियाओं के सरगना के तौर पर काम करते हुए पंजाब का विनाश ही किया है. इन कांग्रेसी नेताओं ने आरोप लगाया कि बादल ने दो दशक के दौरान अपने 15 साल के कार्यकाल के दौरान सरकारी कॉलेजों में एक भी प्रोफेसर की भर्ती नहीं की.
उन्होंने कहा कि अब मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में पंजाब के अंदर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार किया जा रहा है. राज्य में 25 साल के बाद सरकारी कॉलेजों में 1091 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती की जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम की सराहना करने की बजाए सुखबीर सिंह बादल बेबुनियादी आरोप लगा रहे हैं.
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परगट सिंह ने बादल पर लगाए गंभीर आरोप
उधर, हायर एजुकेशन मिनिस्टर परगट सिंह ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उच्च शिक्षा को लेकर सुखबीर बादल का आक्रोशित होना कंगना रनौत के कृषि कार्यकर्ता बनने जैसा ही है. अकाली शासन के 15 वर्षों के दौरान स्थायी सहायक प्रोफेसरों की एक भी नियुक्ति नहीं हुई और हमारे सरकारी कॉलेजों को बर्बाद करने के लिए छोड़ दिया गया. उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया बहुत साफ-सुथरी और तेज है. हालांकि, हमें कोई शिकायत नहीं मिली है, लेकिन कुछ उम्मीदवारों द्वारा पटियाला स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी के वीसी पर आरोप लगाए थे, जिस पर पूछताछ की जा रही है.
Sukhbir Badal @officeofssbadal being agitated over higher education is like Kangana Ranaut turning into a farm activist.During the 15 years of Akali rule not a single appointment was made of permanent assistant professors and our govt colleges were left to ruin(1/8) pic.twitter.com/NxrOguNsuR
— Pargat Singh (@PargatSOfficial) December 5, 2021