कांग्रेस नेतृत्व ‘जी 23’ नेताओं से करेगा मुलाकात! सोनिया गांधी से आज मिल सकते हैं गुलाम नबी आजाद
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार से कांग्रेस पार्टी में घोर निराशा है. पार्टी हार पर मंथन के साथ अपनी कमियों पर भी विचार कर रही हैं. हार से कांग्रेस के जी-23 नेताओं की भी बौखलाहट बढ़ गई है. जिसके बाद कांग्रेस पार्टी असंतुष्ट ‘जी 23’ से मुकालाकर कर रही है.
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार से कांग्रेस पार्टी में घोर निराशा है. पार्टी हार पर मंथन के साथ अपनी कमियों पर भी विचार कर रही हैं. हार से कांग्रेस के जी-23 नेताओं की भी बौखलाहट बढ़ गई है. जिसके बाद कांग्रेस पार्टी असंतुष्ट ‘जी 23’ से मुकालाकर कर रही है. इसी कड़ी में खबर है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद आज कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं.
हुड्डा ने की थी राहुल गांधी से मुलाकात: बीते दिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हुड्डा की राहुल गांधी के साथ मुलाकात एक घंटे से ज्यादा चली. जिसमें दोनों ने 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों, पार्टी को मजबूत करने समेत कई मुद्दों पर चर्ची की.
उठ रहे हैं सवाल: दरअसल, 5 राज्यों में मिली करारी हार से जनता के बीच पार्टी की पकड़ पर सवाल उठने लगे हैं. कपिल सिब्बल समेत कई नेताओं ने पार्टी के अंदर नेतृत्व परिवर्तन की बात भी करनी शुरू कर दी है. ऐसे में पार्टी असंतुष्ट नेताओं से मुलाकात कर उनका पक्ष जानने की कवायद में जुट गई है. भूपेन्द्र सिंह हुड्डा से मुलाकात की इसी कड़ी से जोड़ी जा रहा है. वहीं खबर है कि कुछ और असंतुष्ट नेता आलाकमान से मुलाकात कर सकते हैं.
कांग्रेस को मजबूत करना मकसद: दरअसल, मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि कि जी-23 समूह से जुड़े नेताओं का कहना है कि, उनका मकसद सिर्फ कांग्रेस को मजबूत करना है. सूत्रों के हवाले से जो खबर आ रही है उसके मुताबिक, जी-23 के नेता सोनिया राहुल से मुलाकात कर अपनी मंशा साफ करना चाहते है कि उनकी मंशा सिर्फ पार्टी को मजबूत करना है. वो पार्टी के अंदर टूट के समर्थक नहीं हैं. वो सिर्फ कांग्रेस की मजबूती के लिए काम करना चाह रहे हैं.
बता दें, जी-23 ग्रुप कांग्रेस नेताओं का वो ग्रुप है जो पार्टी के अंदर संगठनात्मक बदलाव की मांग कर रहा है. गुलाम नबी आजाद और भूपेन्द्र सिंह हुड्डा भी उसी ग्रुप के नेता है. कहा जा रहा है कि हुड्डा से राहुल गांधी ने इसके लिए मुलाकात की थी कि वो वो असंतुष्टों का पक्ष सुन सकें. जाहिर है अपने बुरे दौर से गुजर रही कांग्रेस के लिए असंतुष्ट नेताओं को मनाना अभी सबसे बड़ा मुद्दा है.
Posted by: Pritish Sahay