Pawan Khera: उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को आदेश दिया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ कथित टिप्पणियों को लेकर असम पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को 28 फरवरी तक अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए. प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि दिल्ली में सक्षम मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए जाने पर खेड़ा को अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया जाये.
ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बयान देते हुए कहा है कि भाजपा सरकार ने पवन खेड़ा को परेशान करने की कोशिश की. मैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश से खुश हूं, यह उनके मुंह पर करारा तमाचा है. मैं भाजपा के इस कृत्य की निंदा करता हूं. संसद में भी हमें मुद्दे उठाने से रोका गया. वे बोलने की आजादी को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं. लोकतंत्र खतरे में है.
BJP govt tried to harass Pawan Khera. I’m happy with SC order, it's a tight slap on their face. I condemn this action by BJP. In Parliament also, we were stopped from raising issues.They’re trying to eliminate freedom of speech. Democracy in threat: Mallikarjun Kharge, Cong Chief pic.twitter.com/hmLQC3ocKl
— ANI (@ANI) February 23, 2023
वहीं, पुडुचेरी के पूर्व सीएम वी नारायणसामी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट समझ गया है कि यह नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा एक राजनीतिक प्रतिशोध है और इसलिए, कोर्ट उन पर भारी पड़ा और पवन खेड़ा को तत्काल राहत दी गई है. यह केवल उस पार्टी के राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बीच भ्रम पैदा करने की धमकी देने की रणनीति है. इससे पता चलता है कि नरेंद्र मोदी सरकार हैरान है. साथ ही उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कांग्रेस नेताओं और सभी विपक्षी दलों को निशाना बना रही है. यह इसका एक उदाहरण है.
Also Read: Congress: पवन खेड़ा की गिरफ्तारी पर विपक्ष हमलावर, गहलोत ने बताया ‘आपातकाल’, बघेल ने कहा ‘डरी हुई है BJP’Supreme Court has understood that this is a political vendetta by Narendra Modi Govt and therefore, the Court came heavily on them and immediate relief to Pawan Khera has been granted: V Narayanasamy, former CM of Puducherry on #Pawan_Khera pic.twitter.com/W6wjxmqQ3A
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) February 23, 2023
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ ने कहा, ‘उपरोक्त आदेश मंगलवार (28 फरवरी) तक प्रभावी रहेगा.’ न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 27 फरवरी तय की. उच्चतम न्यायालय ने असम और उत्तर प्रदेश राज्यों को नोटिस जारी कर खेड़ा की उस याचिका पर जवाब मांगा है जिसमें प्रधानमंत्री के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणियों को लेकर असम और उत्तर प्रदेश के लखनऊ तथा वाराणसी में उनके खिलाफ दर्ज कई प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने का अनुरोध किया गया है.