कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने PM मोदी को लिखा पत्र, कोरोना महामारी से निबटने के लिए दिये सात सुझाव
Mallikarjun Kharge, Letter, Narendra Modi : नयी दिल्ली : राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर को रोकने के लिए रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते हुए सात सुझाव दिये हैं. साथ ही पत्र में उन्होंने कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए परिजनों और रिश्तेदारों को जमीन, गहने और अन्य बचत खर्च करने के लिए मजबूर होने का भी जिक्र किया है.
नयी दिल्ली : राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर को रोकने के लिए रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते हुए सात सुझाव दिये हैं. साथ ही पत्र में उन्होंने कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए परिजनों और रिश्तेदारों को जमीन, गहने और अन्य बचत खर्च करने के लिए मजबूर होने का भी जिक्र किया है.
जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस सांसद ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि बुनियादी स्वास्थ्य सेवा, ऑक्सीजन, दवाइयां, वेंटिलेटर, अस्पताल के बिस्तर और यहां तक कि श्मशान और कब्रिस्तानों तक पहुंचने के लिए लाखों भारतीयों को देखना दिल दहला देनेवाला है.
साधारण भारतीय अपनी जमीन, गहने बेच रहे हैं. यही नहीं, अपनी बचत का खर्च कर प्रियजनों का इलाज सुनिश्चित कर रहे हैं. इस कोरोना संकट के बीच कई राज्य सरकारों, विपक्षी दल, डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्य कर्मी के साथ-साथ नागरिक समूहों ने मोर्चा संभाल लिया है.
आज हम जिस स्थिति का सामना कर रहे हैं. उसके लिए सामूहिक और सहमति के प्रयास की जरूरत है. साथ ही कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने सात सुझाव देते हुए इन पर तत्काल विचार करने का आग्रह किया है.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री को दिये सात सुझाव
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कोरोना महामारी को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलायी जाये, ताकि एक ब्लूप्रिंट बनाया जाये.
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कोरोना के लिए आवंटित 35 हजार करोड़ से देश के सभी लोगों को मुफ्त वैक्सीन देना सुनिश्चित किया जाये.
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वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाये, जिससे देश के 18 से 44 आयु वर्ग के करीब 60 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन किया जा सके. साथ ही अनिवार्य लाइसेंसिंग में छूट दी जाये.
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जीवनरक्षक दवाओं, मेडिकल सामग्री और वैक्सीन पर लगनेवाले टैक्स माफ किये जाएं. केंद्र सरकार को देशवासियों की दुर्दशा से धन अर्जित नहीं किया जाना चाहिए.
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विदेशों और प्रवासी भारतीयों की ओर से भारत को मिले वेंटिलेटर, ऑक्सीजन और दवाओं के वितरण में तेजी लायी जाये. साथ ही राहत सामग्री का पक्षपात नहीं करते हुए संवितरण किया जाना चाहिए.
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शहरों से गांव लौटे लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार को बढ़ा कर न्यूनतम 200 दिनों का किया जाये. मालूम हो कि इसे कम करके 100 दिन कर दिया गया था.
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पिछले 70 सालों में भारत ने अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, क्लिनिक, दवा कंपनियों, प्रयोगशालाओं और परीक्षण सुविधाओं से मिल कर एक मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली का निर्माण किया है. भारत में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ चिकित्सक, नर्स और स्वास्थ्य कर्मचारी के साथ-साथ सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का विशाल नेटवर्क है. केंद्र सरकार को सामूहिक शक्तियों का लाभ सत्तारूढ़ और समावेशी रूप से नियंत्रित करना चाहिए.