गुजरात चुनाव 2022: कांग्रेस ने बनाया ये मास्टर प्लान, दिग्गज नजर आएंगे रैलियों में
Gujarat Election 2022 : कांग्रेस हिमाचल प्रदेश के बाद गुजरात की जनता का वोट अपने पक्ष में करने की तैयारी में है. गुजरात में जो रैलियां की जाएंगी, उसमें पार्टी के तमाम बड़े नेता नजर आएंगे.
Gujarat Election 2022 : गुजरात में चुनाव प्रचार तेज हो चला है. इस बार प्रदेश में मुकाबला त्रिकोणीय होता नजर आ रहा है. भाजपा और कांग्रेस के अलावा चुनावी मैदान में आम आदमी पार्टी यानी ‘आप’ भी है जो हर सीट पर अपने उम्मीदवार उतार रही है. हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुका है इसके बाद कांग्रेस अपना पूरा जोर गुजरात में लगाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. पार्टी की ओर से जो प्लान बनाया गया है उसके अनुसार कांग्रेस आगामी 15 दिनों में कुल 25 मेगा रैली गुजरात में करने वाली है जिससे वह 125 विधानसभा क्षेत्रों को कवर कर लेगी.
मेगा रैली की तैयारी
कांग्रेस हिमाचल प्रदेश के बाद गुजरात की जनता का वोट अपने पक्ष में करने की तैयारी में है. गुजरात में जो रैलियां की जाएंगी, उसमें पार्टी के तमाम बड़े नेता नजर आएंगे. कांग्रेस नेताओं की मानें तो पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी गुजरात चुनाव में प्रचार करने पहुंचेंगे. यहां चर्चा कर दें कि राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त हैं. वो हिमाचल प्रदेश चुनावों में प्रचार करने नहीं पहुंचे थे लेकिन खबरों की मानें तो वो गुजरात पहुंच सकते हैं.
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ये बड़े नेता भी करेंगे रैली
पार्टी सूत्रों के हवाले से मीडिया में जो खबर चल रही है इसके अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, दोनों कांग्रेस शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री (अशोक गहलोत और भूपेश बघेल), कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के अलावा पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस की मेगा रैली में नजर आ सकते हैं. गुजरात विधानसभा चुनाव में ओबीसी-एससी-एसटी-अल्पसंख्यक वर्ग के बड़े नेता भी रैलियां और चुनाव प्रचार करते दिखेंगे.
मुस्लिम वोट भी कांग्रेस के लिए चुनौती
इस बार मुस्लिम वोट के लिए कांग्रेस को मशक्कत करनी पड़ रही है. दरअसल गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सामने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) और कुछ अन्य दल चुनौती पेश कर रहे हैं जो उसके लिए परेशानी पैदा करते नजर आ रहे हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो इस साल केवल तीन मुस्लिम विधायक जीते थे और तीनों कांग्रेस के थे. हालांकि, 2012 विधानसभा चुनाव के मुकाबले यह संख्या बेहतर कही जा सकती है क्योंकि इस साल केवल दो मुस्लिम विधायक जीते थे.