एक ओर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पूरे भारत को एक सूत्र में जोड़ने के लिए भारत यात्रा पर निकले हैं, तो दूसरी ओर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर कई तरह की खबरें आ रही हैं. एक ओर खबर आयी थी कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकते हैं, जिसके लिए अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से अनुमति मिल गयी है, तो अब खबर आ रही है कि अध्यक्ष पद के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (ashok gehlot) भी उम्मीदवार हो सकते हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ेंगे अशोक गहलोत, सितंबर के आखिर में कर सकते हैं नामांकन
टीवी रिपोर्ट के अनुसार खबर आ रही है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं. सूत्रों के हवाले से तो ये भी खबर आ रही है कि अशोक गहलोत 26 से 28 सितंबर के बीच अपना नामांकन भी दााखिल कर सकते हैं.
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राहुल के अध्यक्ष बनने से कांग्रेस मजबूत होगी: गहलोत
एक ओर अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने की खबर आ रही है तो कुछ दिनों पहले उन्होंने राहुल गांधी को ही अध्यक्ष बनने की पैरवी की थी. उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कहा था अगर राहुल कमान संभालते हैं तो इससे पार्टी को मजबूती मिलेगी और देश के समक्ष चुनौतियों से निपटने में भी आसानी होगी. उन्होंने कहा था, आज भी कांग्रेस में लोग यह भावना रखते हैं कि राहुल जी को कांग्रेस अध्यक्ष बनना चाहिए. 2019 में हम कामयाब नहीं हो पाए तो उन्होंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया था. गहलोत का कहना है, हम चाहते हैं कि अगर वो अध्यक्ष बनते हैं तो हम सब मिलकर कोई कमी नहीं आने देंगे, उनके नेतृत्व में कांग्रेस आगे बढ़ेगी. उनके नेतृत्व में कांग्रेस मजबूत होगी, आगे बढ़ेगी. देश के सामने चुनौतियां बड़ी हैं, अगर राहुल जी अध्यक्ष बनते हैं तो इन चुनौतियों से निपटने में आसानी होगी.
राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग तेज हुई
कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नजदीक आने के साथ ही पार्टी के भीतर राहुल गांधी को एक बार फिर से अध्यक्ष बनाने की मांग तेज हो गई है. इसी क्रम में सात प्रदेश कांग्रेस कमेटियों समेत पार्टी की आठ स्थानीय इकाइयों ने राहुल गांधी के समर्थन में प्रस्ताव पारित किए. कांग्रेस की इन इकाइयों ने ये प्रस्ताव उस वक्त पारित किए है जब गत नौ सितंबर को कन्याकुमारी में राहुल गांधी ने यह संकेत दिया था कि वह पार्टी का अध्यक्ष बनने के अपने पुराने फैसले पर कायम हैं.