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Explainer: दिग्विजय की एंट्री से दिलचस्प हुआ कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव, गहलोत पर संशय, थरूर को चुनौती

राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर बवाल जारी है. अशोक गहलोत गुट और सचिन पायलट गुट के बीच चार साल पहले की लड़ाई एक बार फिर से चरम पर है. इसका खामियाजा अशोक गहलोत को उठाना पड़ सकता है. उन्हें अध्यक्ष पद के चुनाव से हटना पड़ सकता है.

By ArbindKumar Mishra | September 29, 2022 7:36 AM
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congress president election : राजस्थान कांग्रेस में जारी बवाल के बीच अध्यक्ष पद का चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है. खास कर दिग्विजय सिंह की एंट्री ने मुकाबले को और भी रोमांचक बना दिया है. खबर आ रही है कि राजस्थान कांग्रेस में बवाल के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का अध्यक्ष पद चुनाव से पत्ता साफ हो गया है. शशि थरूर चुनावी मैदान में पहले ही उतर चुके हैं और उन्हें उम्मीद है कि देशभर से भारी समर्थन मिलेगा.

क्या थरूर बनाम दिग्विजय होगा कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव

राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर बवाल जारी है. अशोक गहलोत गुट और सचिन पायलट गुट के बीच चार साल पहले की लड़ाई एक बार फिर से चरम पर है. इसका खामियाजा अशोक गहलोत को उठाना पड़ सकता है. उन्हें अध्यक्ष पद के चुनाव से हटना पड़ सकता है. गहलोत को सोनिया गांधी ने अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार किया, लेकिन वह राजस्थान में सचिन पायलट का रास्ता रोकने में लगे हैं. दिग्विजय सिंह की एंट्री गहलोत के लिए संदेश भी हो सकता है कि राजस्थान में सचिन के साथ लड़ाई छोड़कर आप अध्यक्ष पद के चुनाव पर फोकस करें. अगर गहलोत का अध्यक्ष पद के चुनाव से पत्ता साफ होता है, तो मुकाबला दिग्विजय सिंह और शशि थरूर के बीच होने की संभावना है. दिग्विजय भी सोनिया गांधी के बेहद करीबी माने जाते हैं.

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दिल्ली बुलाये गये गहलोत, क्या हैं मायने

राजस्थान में भारी बवाल के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दिल्ली तलब किया गया है. हालांकि पार्टी हाईकमान ने उन्हें राजस्थान कलह मामले में क्लीन चिट दे दी है. लेकिन उनके अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है. हालांकि उन्हें सोनिया गांधी ने दिल्ली तलब किया है. जिससे उनकी दावेदारी को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है. क्योंकि हाइकमान चाहती है कि गहलोत पार्टी अध्यक्ष का पद संभाले और राजस्थान की कमान सचिन पायलट को दी जाए. अब गहलोत पर आखिर फैसला सोनिया गांधी को लेना है.

दिग्विजय सिंह का पलड़ा कितना भारी

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए दिग्विजय सिंह का पलड़ा भारी माना जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि उनके पास राजनीति का लंबा अनुभव है. दिग्विजय सिंह दो बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं और उन्हें गांधी परिवार का करीबी भी माना जाता है. बीजेपी और आरएसएस के खिलाफ दिग्विजय हमेशा के मजबूती के साथ खड़े रहे हैं. हालांकि उनमें कुछ खामियां भी हैं, जो उनकी दावेदारी को कमजोर कर सकता है. कई बार कांग्रेस पार्टी दिग्विजय सिंह के बयान से फंस चुकी है. मौजूदा दौर में कांग्रेस में ही उनका जनसमर्थन काफी कमजोर होता दिख रहा है. उनपर परिवारवाद का गंभीर आरोप भी लग चुका है.

शशि थरूर की दावेदारी कितनी मजबूत

कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर शशि थरूर सबसे ज्यादा उत्साहित हैं. नामांकन से पहले ही उन्होंने अपनी जीत का दावा कर दिया है. उन्हें लगता है कि उन्हें देशभर से भारी समर्थन मिल रहा है. थरूर करिश्माई व्यक्तित्व वाले माने जाते हैं. तीन बार लोकसभा का चुनाव भी जीत चुके हैं. देश के साथ-साथ विदेशों में थरूर की अच्छी पहुंच है. खबर है शशि थरूर 30 सितंबर को अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करेंगे.

कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में कौन-कौन

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अबतक शशि थरूर, अशोक गहलोत के अलावा, कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, मुकुल वासनिक, खड़गे, कुमारी सैलजा और कुछ अन्य नामों को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं. वैसे कमलनाथ कह चुके हैं कि उन्हें अध्यक्ष पद में कोई दिलचस्पी नहीं है. कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक ने प्रियंका गांधी वाद्रा को उम्मीदवार बनाए जाने की मांग की.

कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव का पूरा शेड्यूल

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अधिसूचना 22 सितंबर को जारी की गई थी. नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 24 सितंबर से आरम्भ हुई, जो 30 सितंबर तक चलेगी. नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि 8 अक्टूबर है. एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किये जाएंगे.

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