इंदिरा से लेकर राहुल तक गांधी परिवार के ‘कटप्पा’ अशोक गहलोत होंगे कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष!

Congress President Election: राजस्थान के तीन बार सीएम रह चुके अशोक गहलोत को राजनीति का जादूगर कहा जाता है. केंद्रीय मंत्री के तौर पर अशोक गहलोत तीन प्रधानमंत्रियों के साथ काम कर चुके हैं. सबसे बड़ी बात यह कि वह तीन पीढ़ियों से गांधी परिवार के कटप्पा हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 24, 2022 6:53 PM

Congress President Election: आजादी के बाद भारतीय शासन पर सबसे ज्यादा राज नेहरू-गांधी परिवार का रहा है. इस परिवार ने देश को तीन प्रधानमंत्री दिए हैं. अब देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में 20 सितंबर तक नए अध्यक्ष का चुनाव होना है. इस बीच, मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अध्यक्ष बनने की पेशकश की है. दरअसल, मंगलवार को अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी, जिसके बाद से अशोक गहलोत को कांग्रेस का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर अटकलें तेज हो गई है.

तीन पीढ़ियों से गांधी-परिवार के ‘कटप्पा’ है गहलोत

राजस्थान के तीन बार सीएम रह चुके अशोक गहलोत को राजनीति का जादूगर कहा जाता है. केंद्रीय मंत्री के तौर पर अशोक गहलोत तीन प्रधानमंत्रियों के साथ काम कर चुके हैं. सबसे बड़ी बात यह कि वह तीन पीढ़ियों से गांधी परिवार के कटप्पा हैं. भरोसा, निष्ठा, स्वामीभक्ति का दूसरा नाम ‘कटप्पा’ बताया जाता है. बताते चलें कि कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर कुछ ही दिनों के शेड्यूल जारी कर दिये की बात सामने आ रही है. संभावना जताई जा रही है कि किसी गैर-गांधी को पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है. अगर ऐसा हुआ तो अशोक गहलोत का नाम सबसे पहले आता है. मंगलवार की सुबह सोनिया गांधी से अशोक गहलोत की मुलाकात के बाद सियासी गलियारों में यह कयास लगाए जा रहे है कि गहलोत कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष हो सकते हैं.

प्रयास करेंगे कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद संभाल लें: गहलोत

हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए एक प्रमुख दावेदार के रूप में देखे जा रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि अखिरी क्षण तक प्रयास किया जाएगा कि राहुल गांधी एक बार फिर से पार्टी की कमान संभालें. उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति की 28 अगस्त को बैठक हो रही है. हम चाहेंगे कि राहुल गांधी अध्यक्ष बनें. गहलोत ने कहा कि अगर राहुल गांधी अध्यक्ष नहीं बनते हैं, तो कई लोग निराश हो जाएंगे और घर बैठक जाएंगे. उन्होंने कहा कि आखिरी क्षण तक राहुल गांधी को मनाने का प्रयास किया जाएगा. गहलोत ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब एक दिन पहले मंगलवार को उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की.

इस बार कांग्रेस को गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष मिलेगा?

यह पूछे जाने पर कि क्या यह निर्णय हुआ है कि कांग्रेस का नया अध्यक्ष गांधी परिवार से बाहर का होगा तब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने कहा कि क्या कांग्रेस में किसी ने आपको यह बताया है? जब तक आधिकारिक रूप से कोई फैसला नहीं हो जाता, तब तक आप या मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकते. अध्यक्ष पद पर उनकी दावेदारी की संभावना से जुड़े सवाल पर गहलोत ने कहा कि यह बहुत लंबे अरसे से मीडिया में चल रहा है. फैसला क्या होगा, क्या नहीं होगा, किसी को मालूम नहीं है. सोनिया गांधी के साथ मुलाकात के संदर्भ में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष चिकित्सा जांच के लिए विदेश गई हैं. हमने शिष्टाचारवश मुलाकात की थी.

राहुल गांधी के बचपन में उनके जादूगर अंकल हुआ करते थे गहलोत

अशोक गहलोत के पिता लक्ष्मण सिंह गहलोत राजस्थान के मशहूर जादूगर थे. सियासत में आने से पहले अशोक गहलोत भी अपने पिता के शो के दौरान जादू के करतब दिखाया करते थे और राहुल गांधी के बचपन में वह उनके जादूगर अंकल हुआ करते थे. आज अशोक गहलोत गांधी परिवार के चाणक्य बताये जाते हैं. सियासत के जानकार अशोक गहलोत को राजनीति का जादूगर बताते है. महज 34 साल की उम्र में राजस्थान के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले अशोक गहलोत रणनीतिक कौशल ही था कि 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को कांटे की टक्कर दी. यह उनकी बाजीगरी ही थी कि सचिन पायलट की खुली बगावत के बाद भी मुख्यमंत्री की उनकी कुर्सी पर कोई आंच नहीं आई. इन्हीं सब कारणों से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के सबसे तगड़े गैर-गांधी दावेदार के रूप में अशोक गहलोत को देखा जा रहा हैं.

गहलोत पर दांव क्यों?

अशोक गहलोत तीन पीढ़ियों से गांधी परिवार के भरोसेमंद रहे हैं. बताया जाता है कि इंदिरा गांधी ने उन्हें चुना था और संजय गांधी ने उनको तराशा था. जबकि, राजीव गांधी ने उनको आगे बढ़ाया तथा सोनिया गांधी ने उन्हें चमकाया है. अशोक गहलोत को राहुल गांधी ने भी आजमाया है. ऐसे में राहुल और प्रियंका के लिए अशोक गहलोत अब सियासी चाणक्य और सलाहकार की भूमिका में हैं. राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो सोनिया गांधी कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी अशोक गहलोत को सौंप कर एक तीर से कई निशाने साधने जा रही है.

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