चुनाव कांग्रेस अध्यक्ष का हो रहा है लेकिन राजनीति गर्म राजस्थान की हो गयी है. यहां मुख्यमंत्री को लेकर कयासों का दौर जारी है. आपको बता दें कि कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए 24 से यानी आज से 30 सितंबर तक नामांकन दाखिल किये जायेंगे. अब यह स्पष्ट है कि यह चुनाव अशोक गहलोत बनाम शशि थरूर होने जा रहा है.
लेकिन इस दौड़ में गांधी परिवार के अघोषित समर्थन के कारण अशोक गहलोत आगे दिख रहे हैं, जिससे राजस्थान के नये सीएम के लिए सियासत तेज हो गयी है. बताया जा रहा है कि गहलोत ने सीएम पद के लिए वर्तमान विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी का नाम आगे किया है. दूसरी ओर, सचिन पायलट राहुल गांधी से कोच्चि में मिलने के बाद शुक्रवार को जयपुर पहुंचे और अपने पक्ष में लॉबिंग शुरू कर दी है. वहीं, अशोक गहलाेत ने भी शाम में जयपुर पहुंच कर अपने आवास पर सभी मंत्रियों के साथ मंत्रणा की.
अशोक गहलोत गुरुवार की शाम कोच्चि जाकर भारत जोड़ो यात्रा का नेतृत्व कर रहे राहुल गांधी से मिले, जिसके बाद वह शुक्रवार को शिरडी स्थित साई बाबा मंदिर पहुंचे. यहां उन्होंने कहा कि ‘एक व्यक्ति, एक पद’ की बहस अनावश्यक है और वह अपने गृह राज्य के लोगों की आजीवन सेवा करना चाहते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि राजस्थान में उनके उत्तराधिकारी के संबंध में कोई भी फैसला कांग्रेस की मौजूदा अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी मामलों के राजस्थान प्रभारी अजय माकन लेंगे.
उधर, कांग्रेस नेता सचिन पायलट जयपुर एयरपोर्ट से सीधे विधानसभा पहुंचे और वहां स्पीकर सीपी जोशी और कई विधायकों से मुलाकात की. जोशी और पायलट की मुलाकात डेढ़ घंटे तक चली. फिर सत्ता पक्ष की लॉबी में जाकर सभी गुटों के एक-एक विधायक से मिले. इनमें वे विधायक भी शामिल हैं, जो कभी उनके कट्टर विरोधी माने जाते थे.
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कयास लगाया जा रहा है कि 27 सितंबर को राजस्थान के सभी विधायक दिल्ली जाकर आलाकमान को अगले सीएम के लिए अपनी राय से अवगत करा सकते हैं. खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पर्चा दाखिल करेंगे तो राजस्थान के तमाम विधायक उनके समर्थन में वहां जायेंगे. उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी ने कहा कि आलाकमान ने जो फैसला किया है हम उसका स्वागत करते हैं.
अशोक गहलोत ने कहा कि वे केरल में राहुल गांधी से मिले और उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि गांधी परिवार की ओर से कोई भी पार्टी अध्यक्ष नहीं बनना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि राहुल जी ने मुझसे कहा कि मुझे पता है कि चाहते हैं कि मैं पार्टी प्रमुख बनूं और मैं उनकी इच्छाओं का सम्मान करता हूं, लेकिन मैंने एक वजह से फैसला किया है कि एक गैर-गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष होना चाहिए.
भाजपा ने प्रवक्ता शहजाद पूनावला ने अशोक गहलोत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किस हैसियत से वह (सोनिया गांधी) राजस्थान के सीएम के बारे में फैसला लेंगी क्योंकि वह पूर्व अध्यक्ष हो जाएंगी? आपको नहीं लगता कि यह फैसला विधायकों को करना चाहिए? अगर रिमोट कंट्रोल गांधी परिवार के हाथ में ही रहेगा तो यह चुनाव का दिखावा क्यों?
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं पहले ही कह चुका हूं और फिर दोहरा रहा हूं कि मुझे पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है.