कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 22 साल बाद चुनावी मुकाबले की प्रबल संभावना के बीच अधिसूचना जारी कर दी गयी है इसके बाद पार्टी के अंदर की राजनीति गरम है और प्रवक्ताओं को मामले पर कुछ भी बयान देने से मना कर दिया गया है. कांग्रेस ने शुक्रवार को अपने प्रवक्ताओं और संचार विभाग के अन्य पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के उम्मीदवारों के बारे में किसी भी तरह की टिप्पणी से बचें.
पार्टी महासचिव और संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने अपने विभाग के पदाधिकारियों को भेजे संदेश में यह नसीहत उस वक्त दी है जब एक दिन पहले ही प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने अध्यक्ष पद के लिए अशोक गहलोत का खुलकर समर्थन किया था और शशि थरूर पर निशाना साधा था.
रमेश ने कांग्रेस के प्रवक्ताओं और संचार विभाग के पदाधिकारियों से कहा कि वे अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे किसी भी नेता के बारे में कोई भी टिप्पणी करने से परहेज करें. उन्होंने यह भी कहा कि प्रवक्ता इस चुनाव की लोकतान्त्रिक और पारदर्शी प्रक्रिया का उल्लेख करें. कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में अशोक गहलोत और शशि थरूर के बीच मुकाबले की बढ़ती संभावना के बीच पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने पिछले दिनों राजस्थान के मुख्यमंत्री का खुलकर समर्थन किया था.
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साथ ही, उन्होंने थरूर को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि थरूर ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान उन्हें पत्र लिखकर उनके (वल्लभ) जैसे कार्यकर्ताओं को कष्ट पहुंचाया है और ऐसे में वह ‘निष्कलंक राजनीतिक जीवन’ वाले गहलोत का चयन करेंगे.
राजस्थान CM अशोक गहलोत ने कहा कि जब सब कांग्रेस कमेटी ये प्रस्ताव पास कर रही हैं कि आपको(राहुल गांधी) अध्यक्ष बनना चाहिए तो फिर आप उसे स्वीकार कीजिए. मैंने उनसे काफी बात करने की कोशिश की. उनका कहना है कि हमने फैसला कर लिया कि इस बार कोई गांधी परिवार का व्यक्ति उम्मीदवार नहीं बनेगा. आगे गहलोत ने कहा कि तारीख तो मैं अभी जाकर पक्की करूंगा. ये तय है कि मैं चुनाव लड़ूंगा (कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए). जो हालात देश के हैं उसके लिए प्रतिपक्ष का मज़बूत होना बहुत जरूरी है और उसके लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
भाषा इनपुट के साथ