भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुईं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, जानिए क्या होगा फायदा ?

Bharat Jodo Yatra: कर्नाटक में चल अभी चल रहे इस यात्रा में शामिल होने के लिए सोनिया गांधी 3 अक्तूबर को ही मैसूरु पहुंच गई थीं. बताया जा रहा है कि वहां वो एक प्राइवेट रिजॉर्ट में ठहरी हुई हैं. बता दें कि शस्त्र पूजा और विजयादशमी के कारण 4 व 5 अक्तूबर को 2 दिन यात्रा को रोक दिया गया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 6, 2022 9:29 AM
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Bharat Jodo Yatra: कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी आज पार्टी के भारत जोड़ो यात्रा में गुरुवार को शामिल हुई. बता दें कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा अभी कर्नाटक में है. सोनिया गांधी ने यही से अपने यात्रा की शुरुआत की और पैदल मार्च में शामिल हुई. इससे पहले सोनिया गांधी ने विजयादशमी पर एचडी कोते विधानसभा क्षेत्र स्थित मंदिर में पूजा की. बता दें कि दक्षिण में कांग्रेस का गहरा नाता है. सोनिया गांधी के बाद शुक्रवार को पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी भी इस यात्रा में शामिल होंगी.

विजयादशमी के कारण रोक दी गयी थी यात्रा

कर्नाटक में चल अभी चल रहे इस यात्रा में शामिल होने के लिए सोनिया गांधी 3 अक्तूबर को ही मैसूरु पहुंच गई थीं. बताया जा रहा है कि वहां वो एक प्राइवेट रिजॉर्ट में ठहरी हुई हैं. बता दें कि शस्त्र पूजा और विजयादशमी के कारण 4 व 5 अक्तूबर को 2 दिन यात्रा को रोक दिया गया था. ऐसा कहा जा रहा है कि कांग्रेस की इस यात्रा में उनके शामिल होने से यात्रा को और मजबूती मिलेगी.

रणदीप सिंह सुरजेवाला ने किया ट्वीट

AICC के महासचिव प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि सोनिया गांधी ने विजयादशमी पर बेगुर गांव के भीमनाकोली मंदिर में पूजा की है. साथ ही जानकारी दी कि वह गुरुवार सुबह यात्रा में हिस्सा लेंगी. कांग्रेस अध्यक्ष का स्वास्थ्य बीते कुछ दिनों से ठीक नहीं चल रहा है, इसलिए वो कुछ ही देर के लिए यात्रा में शामिल होकर पदयात्रा करेंगी. गौरतलब है कि एक लंबे अंतराल के बाद सोनिया गांधी पार्टी की किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लेंगी.

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कांग्रेस का दक्षिण से गहरा नाता

बता दें कि कांग्रेस का कर्नाटक से गहरा नाता है. ऐसा भी माना जाता है कि जब कभी भी गांधी परिवार पर राजनीतिक संकट आया है, तब दक्षिण भारत ने उसे मुश्किल से निकाला है. जानकारी हो कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी दक्षिण भारत की सीटों से लोकसभा चुनाव लड़ा था. बता दें कि इमरजेंसी की बाद जब इंदिरा गांधी की सरकार चली गई थी तो 1980 में उन्हें एक सुरक्षित लोकसभा सीट से जीत की जरूरत थी. ऐसे में उन्होंने कर्नाटक के चिकमंगलूर से नामाकंन दाखिल किया था.

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