कांग्रेस अध्यक्ष पद (congress president election) का चुनाव लड़ रहे वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक चौंकाने वाला बयान दे दिया है. उन्होंने खुद को बलि का बकरा बता दिया है. संवाददाताओं के सवाल का जवाब देते हुए खड़गे ने कहा, ‘बकरीद में बचेंगे, तो मुहर्रम में नाचेंगे’. खड़गे के इस बयान को कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.
बकरीद में बचेंगे, तो मुहर्रम में नाचेंगे
दरअसल मल्लिकार्जुन खड़गे से जब संवाददाताओं ने 2024 लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी पर सवाल पूछा तो, उन्होंने इसका सीधा जवाब नहीं दिया और विचित्र जवाब दे दिया. उनसे पूछा गया कि क्या 2024 लोकसभा चुनाव में आप या राहुल गांधी होंगे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार? तो उन्होंने कहा, पहले तो मैं संगठन चुनाव में आया हूं, इसको तो देख लूं. एक कहावत है, जिसे में बार-बार दोहराता हूं, बकरीद में बचेंगे, तो मुहर्रम में नाचेंगे. खड़गे ने उसके बाद कहा, पहले इन चुनावों को खत्म होने दो और मुझे अध्यक्ष बनने दो, फिर हम देखेंगे.
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#WATCH| Bhopal, MP | There is a saying "Bakrid mein bachenge toh Muharram mein nachenge". First, let these elections get over and let me become president, then we'll see: Congress presidential candidate Mallikarjun Kharge when asked who would be the PM's face, Rahul Gandhi or he. pic.twitter.com/wvtCPqDlIH
— ANI (@ANI) October 12, 2022
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में शशि थरूर और खड़गे के बीच कांटे की टक्कर
17 अक्टूबर को होने वाले कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना जतायी जा रही है. दोनों ने अपनी-अपनी जीत के दावे किये हैं. मालूम हो 17 अक्टूबर को मतदान होने के बाद 19 अक्टूबर को मतगणना के बाद अध्यक्ष पद की घोषणा उसी दिन हो जाएगी.
कांग्रेस की विचारधारा की रक्षा के लिए लड़ रहा हूं अध्यक्ष पद का चुनाव : खड़गे
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कांग्रेस को मजबूत करने और उसकी विचारधारा को बचाने के लिये उन्होंने यह चुनाव लड़ने का फैसला किया है. कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिये गांधी परिवार के चुनाव लड़ने से मना करने के बाद उन्होंने अपने शुभचिन्तकों से सलाह मशविरा करके यह चुनाव लड़ने का निर्णय लिया. उन्होंने कहा, पूरे देश में मैं अपनी पार्टी के 9,000 से ज्यादा पदाधिकारियों और शुभचिन्तकों से मिलकर अपने लिए समर्थन मांग रहा हूं. मैंने उदयपुर चिन्तन शिविर की जो घोषणायें हैं, उन्हीं को शामिल करके अपना घोषणापत्र बनाया है. संगठन में 50 प्रतिशत पद 50 वर्ष से कम आयु वाले लोगों को दिये जायेंगे और अन्य जो भी घोषणायें हैं उन्हें भी मैं लागू करूंगा. मुझे पूरा भरोसा है कि सभी का समर्थन मुझे मिलेगा.