सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर जाने के बाद उनके गुट के 22 बागी विधायकों ने भी आज प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि वे लोग कमलनाथ सरकार के कार्यप्रणाली से खुश नहीं थे, उनलोगों ने प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी दी कि हमलोग कांग्रेस छोड़ना नहीं चाहते थे, लेकिन हमें मजबूरी वश छोड़ना पड़ा.
उन्होंने कमलनाथ पर बड़ा आरोप लगते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के पास हमारी बात सुनने के लिए समय नहीं था. भाजपा में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमलोग अभी इस पर विचार कर रहे हैं.
बागी विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री के लिए कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया दो चेहरे थे. ये पूरा प्रदेश जानता है कि मध्य प्रदेश की सरकार बनने में सिंधिया जी की अहम भूमिका थी. सिंधिया जी को मुख्यमंत्री न बनाकर कमलनाथ को बनाया हमें लगा था कि सब ठीक ठाक रहेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
मैंने मंत्री देखा मुख्यमंत्री को हमारी बात सुनने की फुर्सत तक नहीं थी. जब सिंधिया जैसे बड़े नेता के ऊपर हमला आसानी से हो सकता है तो हमलोगों के ऊपर भी हो सकता है.
बागी कांग्रेस विधायक इमरती देवी ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया हमारे नेता हैं, उन्होंने हमें बहुत कुछ सीखाया है. मैं हमेशा उनके साथ रहूंगी चाहे इसके लिए मुझे कुंआ में ही क्यों न कूदना पड़े
वहीं बागी विधायक हरदीप सिंह डंग ने कहा- यह सरकार दलालों की सरकार है. हम कोई काम लेकर जाते हैं तो हमारा काम नहीं होता, वही काम दलाल लेकर जाते हैं तो हो जाता है
बागी विधायक तुलसी सिलावट ने कहा कि सरकार बनाने में सिंधिया जी अहम भूमिका थी. वो केवल छिंदवाड़ा के मुख्यमंत्री नहीं हैं.
बागी विधायक बिसाहूलाल ने कहा कि सीएम के पास जब जब जाते हैं सिर्फ चलो चलो कह देते हैं उन्हें हमें सुनने की फुर्सत तक नहीं हैं. उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी के साथ मध्य प्रदेश में अन्याय हुआ है