प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी सोमवार को नए भर्ती किए गए 51 हजार से ज्यादा उम्मीदवारों नियुक्ति पत्र सौंपा. वहीं, कांग्रेस ने इस पर तीखा हमला किया है. कांग्रेस ने केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा है कि हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने का पीएम मोदी ने वादा किया था, जो फेल हो गया है. कांग्रेस ने यह भी कहा कि ऐसे में सरकार रोजगार मेले का नया जुमला लेकर आई है. कांग्रेस ने इस नौटंकी करार दिया है. कांग्रेस ने रोजगार मेले को लेकर यह भी कहा कि पीएम मोदी रोजगार मेला इसलिए आयोजित कर रहे हैं, क्योंकि वह अगले साल होने वाले आम चुनाव को लेकर असहज महसूस कर रहे हैं और अपनी छवि बचाना चाहते हैं. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने आज सुबह रोजगार मेले के दौरान युवाओं को खासकर सुरक्षा बलों में नियुक्ति के लिए 51000 से अधिक पत्र वितरित किए हैं.
कांग्रेस ने कहा रोजगार मेला सबसे बड़ा जुमला
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने रोजगार मेलों को सबसे बड़ा जुमला करार देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री हर साल दो करोड़ नौकरी पैदा करने के अपने वादे को पूरा करने में असफल रहे हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस नेता रमेश ने अपने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि हर साल दो करोड़ नौकरी देने के अपने वादे को पूरा करने में असफल रहने के बाद…नोटबंदी, गलत ढंग से तैयार जीएसटी और बिना किसी तैयारी के अचानक लॉकडाउन लगाकर एमएसएमई (लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम) क्षेत्र को बर्बाद करने के बाद… नौ साल से अधिक समय तक युवाओं की आशाओं और आकांक्षाओं पर पानी फेरने के बाद… प्रधानमंत्री चुनावी वर्ष में मुश्किल स्थिति में है. रमेश ने कहा कि वह अपनी बिगड़ती छवि को बचाने के लिए सबसे बड़े जुमलों में से एक- प्रधानमंत्री रोजगार मेला लेकर आए हैं.
रमेश ने दावा किया कि रोजगार मेलों में जो नौकरियां मिल रही हैं, वे पहले से ही स्वीकृत पदों पर मिल रही हैं, जिन्हें प्रशासनिक या वित्तीय कारणों से वर्षों से भरा नहीं गया था. उन्होंने कहा कि बहुत बड़ी संख्या में पदोन्नति के मामलों में भी प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्ति पत्र बांटे जा रहे हैं. रमेश ने कहा कि इन मेलों के माध्यम से शासन का व्यक्तिगत इस्तेमाल हो रहा है. ऐसा दिखाया जा रहा है कि मानो ये नियमित नौकरियां प्रधानमंत्री की ही वजह से मिल रही हैं, जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है. कांग्रेस नेता रमेश ने कहा कि रोजगार सृजन आर्थिक विकास से होता है, जिसके लिए पर्याप्त निवेश की आवश्यकता होती है. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री रोजगार मेला सिर्फ एक नौटंकी है. यह अति अहंकार, घमंड, आत्म-मुग्धता के साथ-साथ बेरोजगारी की गंभीर स्थिति के लिए जिम्मेदारी स्वीकार करने से इनकार करने का एक और प्रमाण है.
हर साल 2 करोड़ नौकरी देने के अपने वादे को पूरा करने में फेल होने के बाद।
नोटबंदी, गलत ढंग से डिज़ाइन की गई GST और बिना किसी तैयारी के अचानक लॉकडाउन से MSME सेक्टर को बर्बाद करने के बाद।
9 वर्षों से अधिक समय तक युवाओं की आशा और आकांक्षा को धोखा देने के बाद, प्रधानमंत्री चुनावी…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 28, 2023
ऑटोमोबाइल, दवा और पर्यटन के क्षेत्रों में तेजी से वृद्धि होने की उम्मीद- पीएम मोदी
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोजगार मेले के दौरान कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेज वृद्धि की ओर अग्रसर है और इससे युवाओं के लिए रोजगार के बड़े अवसर पैदा हुए हैं. वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित एक रोजगार मेले में पीएम मोदी ने 51000 से अधिक नवनियुक्त कर्मियों को नियुक्ति पत्र वितरित करने के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑटोमोबाइल, दवा, पर्यटन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में तेजी से वृद्धि होने और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि अकेले पर्यटन क्षेत्र से 2030 तक अर्थव्यवस्था में 20 लाख करोड़ रुपये का योगदान होने की उम्मीद है और इसमें 13-14 करोड़ नए रोजगार पैदा करने की क्षमता है.
45 जगहों पर आयोजित किया गया रोजगार मेला
बता दें, यह रोजगार मेला देशभर में 45 स्थानों पर आयोजित किया गया. रोजगार मेले के जरिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने विभिन्न केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और दिल्ली पुलिस में कर्मियों की भर्तियां की हैं. प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि भारत इस दशक में दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरेगा और इससे आम आदमी के जीवन स्तर में सुधार होगा. उन्होंने कहा, हर क्षेत्र का विकास होना चाहिए. खाद्यान्न से लेकर दवा उद्योग तक, अंतरिक्ष से स्टार्ट अप तक. जब हर क्षेत्र प्रगति करेगा तो अर्थव्यवस्था बढ़ेगी. दवा उद्योग का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान में चार लाख करोड़ रुपये का यह क्षेत्र 2030 तक बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपये का हो जाने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, इसका क्या मतलब है? इसका मतलब है कि इस दशक में दवा उद्योग को युवाओं की काफी जरूरत होगी. रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
उत्तर प्रदेश का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में सुशासन से कानून का राज स्थापित हुआ है, जिससे काफी निवेश आया है. उन्होंने कहा, सुरक्षा के माहौल में कानून का राज स्थापित होने से विकास को गति मिलती है, लोगों में विश्वास पैदा होता है और निवेश आता है. मोदी ने कहा कि हालांकि अपराध की बढ़ती दर वाले राज्यों में निवेश कम है और रोजगार के अवसर कम हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस बार रोजगार मेले का यह आयोजन एक ऐसे माहौल में हो रहा है, जब देश गर्व और आत्मविश्वास से भरा हुआ है. उन्होंने कहा, हमारा चंद्रयान और उसका रोवर प्रज्ञान लगातार चंद्रमा से ऐतिहासिक तस्वीरें भेज रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में उनकी सरकार के प्रयासों से परिवर्तन का एक और नया दौर दिखने लगा है. उन्होंने कहा कि पिछले साल भारत ने रिकॉर्ड निर्यात किया जो कि इस बात का संकेत है कि दुनियाभर के बाजारों में भारतीय सामान की मांग लगातार बढ़ रही है.
युवाओं के लिए बन रहे नये अवसर
पीएम मोदी ने कहा कि वोकल फोर लोकल के मंत्र पर चलते हुए भारत सरकार भी मेड इन इंडिया लैपटॉप, कम्प्यूटर जैसे उत्पाद खरीदने पर जोर दे रही है. इससे विनिर्माण भी बढ़ा है और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बन रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में अर्धसैनिक बलों की भर्ती प्रक्रिया में सरकार ने कई बड़े बदलाव किए हैं. मोदी ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री जनधन योजना का भी उल्लेख किया और कहा कि इसने गांव और गरीब के आर्थिक सशक्तिकरण के साथ ही रोजगार निर्माण में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई है. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के मुताबिक, यह रोजगार मेला प्रधानमंत्री की रोजगार सृजन की प्रतिबद्धता को प्राथमिकता देने की दिशा में एक कदम है. उसने कहा कि इससे रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलने और राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भागीदारी तथा उनके सशक्तिकरण का अवसर मिलने की संभावना है.