कांग्रेस (Congress) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की ‘रेवड़ी कल्चर’ की टिप्पणी को लेकर छिड़ी राजनीतिक बहस के बीच उन पर ‘झूठ की गठरी कल्चर’ अपनाने का आरोप लगाया. पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ (Gaurav Vallabh) ने सवाल किया कि आखिर इससे देश को मुक्ति कब मिलेगी ? गौरव वल्लभ ने केंद्र सरकार के 2022 की समयसीमा वाले कुछ वादों का उल्लेख करते हुए यह भी पूछा कि क्या प्रधानमंत्री 15 अगस्त के अपने भाषण में इन वादों को लेकर कोई नयी समयसीमा बताएंगे?
गौरव वल्लभ ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने संवाददाताओं से कहा, ”देश के लोगों को सहयोग देना, मुसीबत के समय उनका हाथ पकड़ना अगर मुफ्त की रेवड़ी है, तो जो लाखों-करोड़ रुपये का कर्ज बट्टे खाते में डाल दिया गया है, उस पर भी चर्चा होनी चाहिए.” वल्लभ ने दावा किया, ”2013 में पारित खाद्य सुरक्षा कानून के आधार पर केंद्र सरकार ने 80 करोड़ नागरिकों को राशन वितरित किया. इस कानून के तहत सरकार किसानों से अनाज न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर खरीदने के लिए बाध्य है. किसानों से अनाज की खरीद को रेवड़ी कल्चर कहा जा रहा है, जबकि पिछले पांच वर्षों में 9.92 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बट्टे खाते में डाल दिया गया.”
झूठ की गठरी कल्चर से कब निदान मिलेगा? गौरव वल्लभ
उन्होंने कहा, ”हम मोदी सरकार को याद दिलाना चाहते हैं कि उन्होंने 2022 की समयसीमा रखकर कौन से वादे किए थे. उन्होंने कहा था कि 2022 तक देश के हर किसान की आय दोगुनी हो जाएगी, हमारी अर्थव्यवस्था का आकार 5000 अरब डॉलर हो जाएगा. यह सूची बहुत लंबी है.” वल्लभ ने सवाल किया, ”झूठ की गठरी कल्चर से कब निदान मिलेगा? प्रधानमंत्री जी, क्या अब स्वाधीनता दिवस पर अपने भाषण में इन वादों की नयी समयसीमा बताएंगे?” (भाषा इनपुट के साथ)
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क्या कहा था पीएम मोदी ने
आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने बीते बुधवार को ‘रेवड़ी कल्चर’ को लेकर कई बाते की. उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर ‘मुफ्त’ की राजनीति को लेकर तंज कसा उन्होंने कहा कि अगर राजनीति में ही स्वार्थ होगा, तो कोई भी आकर पेट्रोल-डीजल भी मुफ्त देने की घोषणा कर सकता है. ऐसे कदम हमारे बच्चों से उनका हक छीनेंगे, देश को आत्मनिर्भर बनने से रोकेंगे. ऐसी स्वार्थ भरी नीतियों से देश के ईमानदार टैक्स पेयर का बोझ भी बढ़ता ही जाएगा