नई दिल्ली : भारत के निर्वाचन आयोग की ओर से राष्ट्रपति पद के साथ ही उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए भी नामांकन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. राष्ट्रपति पद के लिए 29 जून तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे, जबकि निर्वाचन आयोग ने उपराष्ट्रपति पद के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने के लिए मंगलवार को अधिसूचना जारी कर दिया है. इसके साथ ही, अब आज बुधवार से उपराष्ट्रपति पद के लिए भी नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे. इस बीच, खबर यह भी है कि भारत की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार के नाम पर चर्चा शुरू कर दी है. इसके लिए उसने राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को सभी 17 विपक्षी पार्टियों के नेताओं से बात करने की जिम्मेदारी सौंपी है.
समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि कांग्रेस ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों का संयुक्त उम्मीदवार के चयन पर चर्चा के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के सहयोगी दलों से चर्चा के लिए कदम बढ़ा दिया है. राष्ट्रपति चुनाव में यशवंत सिन्हा को विपक्ष की ओर से साझा उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतारा गया है. वहीं, एनडीए की ओर से झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति का चुनाव लड़ रही हैं. अब जबकि निर्वाचन आयोग ने उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मंगलवार को अधिसूचना जारी कर दिया है, तो कांग्रेस ने इस पद के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार के नाम पर चर्चा करने की तैयारी शुरू कर दी है. हालांकि, इस पद के लिए एनडीए की ओर से अभी तक किसी नाम पर चर्चा शुरू नहीं की गई है.
पार्टी के सूत्रों ने मीडिया को जानकारी दी है कि कांग्रेस ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) मल्लिकार्जुन खड़गे को उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए साझा उम्मीदवार का चयन करने के लिए विपक्षी दलों से संपर्क साधने की जिम्मेदारी सौंपी है. पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए जल्द ही एक बैठक बुलाई जाएगी, लेकिन अभी तक पार्टी विपक्ष से संभावित उम्मीदवारों की सूची बनाने के लिए आम सहमति पर पहुंचना चाहती है.
कांग्रेस के एक टॉप सूत्र ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि उम्मीदवार पार्टी से ही होगा. यह किसी अन्य पार्टी से भी हो सकता है, लेकिन पहली और सबसे महत्वपूर्ण शर्त सर्वसम्मति है. कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि वे एक विचारधारा को राजनीतिक लड़ाई का रूप देना चाहते हैं, जिसे लोकतंत्र में देना संभव नहीं है.
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हालांकि, कुछ विपक्षी दलों की राष्ट्रपति पद के बारे में अलग-अलग राय है, क्योंकि एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू इस पद के लिए एक आदिवासी समुदाय से आती हैं और ऐसा लगता है कि वह कुछ क्षेत्रीय दलों से समर्थन प्राप्त करने में सफल होंगी. वहीं, यशवंत सिन्हा विपक्षी दलों के उम्मीदवार हैं. जहां तक चुनाव प्रचार का सवाल है, तो इसमें चुनौती कड़ी है. उपराष्ट्रपति चुनाव के बाद के मामले में तस्वीर अलग हो सकती है. चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 19 जुलाई है, जबकि मतदान 6 अगस्त को होना है. अब तक एनडीए ने भी उपरोक्त चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है.