लोकसभा चुनाव: आखिर किस आधार पर कांग्रेस को केवल एक ही सीट दिल्ली में देना चाहती है ‘आप’?

लोकसभा चुनाव के चंद दिन शेष हैं. हर पार्टी अपना पूरा जोर लगा रही है. इस बीच दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच बात बनती नजर नहीं आ रही है. जानें अरविंद केजरीवाल की पार्टी की ओर से क्या कहा गया.

By Amitabh Kumar | February 13, 2024 2:09 PM

लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने कमर कस ली है. इस बीच सीट बंटवारे पर आम आदमी पार्टी यानी ‘आप’ सांसद संदीप पाठक का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि मेरिट के आधार पर देखा जाए तो, कांग्रेस पार्टी दिल्ली में एक भी सीट की हकदार नहीं है, लेकिन ‘गठबंधन के धर्म’ का पालन हमारी पार्टी कर रही है. हम कांग्रेस को दिल्ली में एक सीट की पेशकश कर रहे हैं. हम कांग्रेस पार्टी को 1 सीट पर लड़ने का प्रस्ताव देते हैं और हम 6 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारना चाहते हैं. संदीप पाठक के बयान के बाद अब देखना है कि कांग्रेस मामले पर क्या प्रतिक्रिया देती है. आपको बता दें कि पिछले दिनों ‘आप’ के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब की सभी 13 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की बात की है.

लोकसभा चुनाव के चंद दिन शेष हैं. दिल्ली में कांग्रेस पूरा जोर लगा रही है. पिछले दिनों पार्टी की ओर से यहां एक बड़ी रैली का आयोजन किया गया था जिसे पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संबोधित किया था और कार्यकर्ताओं का हौंसला बढ़ाया था. पिछले दो लोकसभा चुनाव की बात करें तो दिल्ली में मोदी लहर साफ नजर आई थी. यही वजह है कि इस बार के चुनाव में विपक्ष एकजुट होकर चुनावी समर में उतरने की तैयारी कर रहा था लेकिन इसे भी झटका लगता दिख रहा है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने दिल्ली की सातों सीट पर कब्जा किया था. यदि बात साल 2014 के लोकसभा चुनाव की करें तो इस साल भी बीजेपी ने कांग्रेस और ‘आप’ को परास्त किया था. वर्तमान परिदृष्य को देखकर लगता है कि ‘आप’, भाजपा व कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला दिल्ली में इस बार देखने को मिलेगा.

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2019 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों सीटों का क्या था हाल

चांदनी चौक की बात करें तो यहां कांग्रेस दूसरे नंबर पर जबकि आप तीसरे नंबर पर रही थी.

उत्तर पूर्वी की बात करें तो कांग्रेस दूसरे नंबर पर जबकि आप तीसरे नंबर पर रही थी.

पूर्वी दिल्ली की बात करें तो कांग्रेस दूसरे नंबर पर जबकि आप तीसरे नंबर पर रही थी.

नई दिल्ली की बात करें तो कांग्रेस दूसरे नंबर पर जबकि आप तीसरे नंबर पर रही थी.

उत्तर पश्चिमी की बात करें तो आप दूसरे नंबर पर जबकि कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही थी.

पश्चिमी दिल्ली की बात करें तो कांग्रेस दूसरे नंबर पर जबकि आप तीसरे नंबर पर रही थी.

दक्षिणी दिल्ली की बात करें तो आप दूसरे नंबर पर जबकि कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही थी.

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