नई दिल्ली/भोपाल : मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने गुरुवार को विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर फिलहाल वे बने रहेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है. हालांकि, कहा यह जा रहा है कि उन्होंने एक व्यक्ति एक पद के नियमों तहत इस्तीफा दिया है, लेकिन पार्टी के सूत्र बता रहे हैं कि कांग्रेस आलाकमान विधानसभा चुनाव कमलनाथ की अगुआई में लड़ना चाहती है. नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा देने के बाद डॉ गोविंद सिंह को कमलनाथ के स्थान पर कांग्रेस विधायक दल का नेता नियुक्त किया गया है.
कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने गुरुवार को कमलनाथ को एक चिट्ठी के जरिए यह जानकारी दी कि पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) मध्य प्रदेश के नेता पद से आपका इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है. वहीं, पार्टी सूत्रों ने बताया कि कमलनाथ ने पार्टी के एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के तहत विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से त्यागपत्र दिया था.
कमलनाथ की अगुआई में विधानसभा चुनाव लड़ेगी कांग्रेस
केसी वेणुगोपाल की चिट्ठी में आगे कहा गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने डॉ गोविंद सिंह को कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) का नेता नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. कमलनाथ कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे. कांग्रेस के विधायक दल के नेता पद से उनके इस्तीफा देने से कुछ दिनों पहले पिछले चार अप्रैल को मध्य प्रदेश कांग्रेस ने कहा था कि राज्य के वरिष्ठ नेताओं की सोमवार को हुई बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर पूर्ण विश्वास जताया गया और उनके ही नेतृत्व में राज्य में अगले साल नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय आम सहमति से लिया गया.
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2023 में होगा विधानसभा चुनाव
मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और पूर्व मंत्रियों की एक महत्वपूर्ण बैठक में सभी नेताओं ने आम सहमति से कहा था कि कमलनाथ को 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व करना है. बता दें कि मध्य प्रदेश में 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं और कांग्रेस कमलनाथ के नेतृत्व में ही इस बार का चुनाव भी लड़ना चाहती है. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को कमलनाथ के चेहरे पर ही मध्य प्रदेश में बढ़त मिली थी.