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असम में हाथ से बनाया जाता है सफेद और लाल धारी वाला सूती गमछा
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126 सदस्यीय विधानसभा के लिए इस साल मार्च-अप्रैल में हो सकते हैं चुनाव
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गमछे पर हस्ताक्षर करके कूरियर से पार्टी कार्यालय भेजने की अपील
गुवाहाटी : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के पार्टी के असम की सत्ता में आने के बाद संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) लागू नहीं करने संबंधी बयान के बीच राज्य प्रदेश इकाई ने कार्यकर्ताओं से इस अधिनियम के खिलाफ संदेशों के साथ ‘गमछा’ (असमिया स्कार्फ) इकट्ठा करने का बुधवार को आह्वान किया. असम में हाथ से बने सफेद और लाल धारी वाला सूती ‘गमछा’ पारंपरिक रूप से राज्य में सम्मान के रूप में दिया जाता है.
बिहपुरिया में एक बैठक में पार्टी की घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष गौरव गोगोई ने कहा कि मैं सभी असमियों से अनुरोध करता हूं कि आप राज्य में सीएए क्यों नहीं चाहते हैं, इसके लिए एक संदेश के साथ गमछा साझा करें. आप गमछा पर हस्ताक्षर कर सकते हैं और कूरियर के माध्यम से हमें भेज सकते हैं या किसी भी पार्टी कार्यकर्ता को सौंप सकते हैं. कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि पार्टी को राज्य भर से कम से कम 50 लाख गमछा मिलेंगे और उन सभी को नये स्मारक में प्रदर्शित किया जाएगा.’
असम की 126 सदस्यीय विधानसभा के लिए इस वर्ष मार्च-अप्रैल में चुनाव होने की संभावना है. भाजपा और आरएसएस पर असम को विभाजित करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा था कि उनकी पार्टी असम समझौते के हर सिद्धांत की रक्षा करेगी और अगर राज्य में सत्ता में आती है, तो कभी भी संशोधित नागरिकता कानून लागू नहीं करेगी. असम में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अपनी पहली जनसभा में मंच पर गांधी और पार्टी के अन्य नेता ‘गमछा’ लिए हुए थे, जिस पर सांकेतिक रूप से ‘सीएए’ शब्द को काटते हुए दिखाया गया, जो विवादास्पद कानून के खिलाफ एक संदेश था.
असम के मंत्री हिमंत विश्व सरमा ने कहा कि सीएए, राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और बेरोजगारी राज्य में अब चुनावी मुद्दे नहीं है. बोरा ने कहा कि सीएए को खत्म कर दिया जाएगा और ‘असमिया गौरव’ को बचाने के लिए दिए गए बलिदान को अमर किया जाएगा. विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता देवव्रत सैकिया ने कहा कि असम के लोगों पर भाजपा के अत्याचार के काले दिन समाप्त होने वाले हैं और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सीएए असम में लागू नहीं हो.
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Posted by : Vishwat Sen