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कांग्रेस नहीं करेगी केंद्र के अध्यादेश का समर्थन, AAP ने की सराहना, विपक्ष की बैठक में शामिल होंगे केजरीवाल

कांग्रेस ने केंद्र के द्वारा लाए गए अध्यादेश का समर्थन नहीं करेगी. कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि, पार्टी संसद में दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण से संबंधित अध्यादेश पर विधेयक पेश किये जाने पर इसका विरोध करने का फैसला किया है. जिसकी आम आदमी पार्टी ने सराहना .

कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी का रुख साफ है कि वह राज्यपालों के जरिए विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में हस्तक्षेप करने के केंद्र के ऐसे किसी भी कदम का विरोध करेगी और उसने संसद में दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण से संबंधित अध्यादेश पर विधेयक पेश किये जाने पर इसका विरोध करने का फैसला किया है. उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम संघवाद को खत्म करने के केंद्र सरकार के प्रयासों का निरंतर विरोध कर रहे हैं. हम विपक्ष द्वारा शासित राज्यों को राज्यपालों के जरिए चलाने के केंद्र सरकार के रवैये का निरंतर विरोध कर रहे हैं. हमारा रुख बहुत स्पष्ट है, हम दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण से संबंधित अध्यादेश का समर्थन नहीं करने वाले हैं.’’

AAP ने की सराहना, विपक्ष की बैठक में शामिल होंगे केजरीवाल 

वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश पर कांग्रेस का ‘‘स्पष्ट विरोध एक सकारात्मक घटनाक्रम है.’’ ‘आप’ के सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता राघव चड्ढा ने ट्वीट किया, ‘‘कांग्रेस ने दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण से संबंधित अध्यादेश का स्पष्ट विरोध करने की घोषणा की है. यह एक सकारात्मक घटनाक्रम है.’’ वहीं अब केजरीवाल विपक्ष की बैठक में शामिल होंगे.

केंद्र के अध्यादेश पर कांग्रेस का बयान 

वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस संसद में आने वाले महत्वपूर्ण मामलों पर फैसला लेने के लिए सत्र से पहले आम तौर पर संसद की अपनी रणनीति समिति की बैठक बुलाती है. यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस दिल्ली अध्यादेश का समर्थन करेगी या विरोध, इस पर वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘कल, हमने बैठक की थी और हमने पहले ही फैसला ले लिया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘न केवल दिल्ली अध्यादेश, बल्कि देश की संघीय व्यवस्था को नष्ट करने वाला और राज्यपाल का इस्तेमाल कर राज्य के मामलों में दखल देने के किसी भी प्रयास का हम समर्थन नहीं करेंगे. इसी तरह, दिल्ली अध्यादेश का भी हम समर्थन नहीं कर रहे हैं. यह बहुत स्पष्ट है.’’

विपक्ष की बैठक में शामिल होंगे केजरीवाल 

कांग्रेस के दिल्ली अध्यादेश मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने के साथ ही वेणुगोपाल ने उम्मीद जतायी कि ‘आप’ अब बेंगलुरु में विपक्ष की आगामी बैठक में भाग लेगी. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि कल वे बैठक में भाग ले रहे हैं. हमारा ऐसा मानना है.’’ वहीं ‘आप’ ने अपना रूख साफ करते हुए कहा की बैठक में मुख्यमंत्री केजरीवाल और भगवंत मान शामिल होंगे . पार्टी ने पहले कहा था कि जब तक कांग्रेस संसद में दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण से संबंधित अध्यादेश का विरोध करने में उसका समर्थन नहीं करेगी, तब तक वह ऐसी किसी बैठक में शामिल नहीं होगी.

पटना में विपक्षी दलों की पहली बैठक

पटना में विपक्षी दलों की पहली बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बाहर करने का संकल्प लिया गया था. भाजपा नीत केंद्र सरकार मई में दिल्ली में नौकरशाहों के तबादले और तैनाती पर अध्यादेश लेकर आयी थी, जिससे उच्चतम न्यायालय के उस फैसले का प्रभाव खत्म हो गया था, जिसमें सेवाओं पर नियंत्रण निर्वाचित सरकार को दिया गया था. अध्यादेश में दानिक्स कैडर के ग्रुप-ए अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही और तबादलों के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण स्थापित करने का प्रावधान है. उच्चतम न्यायालय के 11 मई के फैसले से पहले दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों के तबादले और तैनाती का शासकीय नियंत्रण उपराज्यपाल के पास था.

सोनिया गांधी भी बैठक में होंगी शामिल 

आपको बताएं, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी भी 17 जुलाई को विपक्षी नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज में शामिल हो सकती हैं. सूत्रों ने बताया कि 17 जुलाई को रात्रिभोज नेताओं की मुलाकात के बाद इसके अलग दिन विधिवत चर्चा होगी जिसमें 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर आगे की रणनीति तय की जा सकती है. सूत्रों के अनुसार विपक्षी दलों की बैठक में एमडीएमके, केडीएमके, वीसीके, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), फॉरवर्ड ब्लॉक, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) और केरल कांग्रेस (मणि) भी शामिल होंगे.

17-18 जुलाई की बैठक में 24 विपक्षी दल हो सकते हैं शामिल 

आपको बताएं की विगत 23 जून को पटना में लगभग 17 विपक्षी दल मजबूती के साथ एक मंच पर नजर आए. वहीं बैठक बाद बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल-यूनाइटेड नेता नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्षी दलों की पटना में एक “अच्छी बैठक” हुई और साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया गया है. विपक्षी दलों की मेगा बैठक बुलाने वाले कुमार ने कहा कि जल्द ही विपक्षी दलों की एक और बैठक होगी. जिसके बाद 17-18 जुलाई को बेंगलुरू में बैठक का आयोजन किया गया.

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