कोनराड संगमा : 2004 में मेघालय के शक्तिशाली नेता के तौर पर उभरे, अब दूसरी बार बनें मुख्यमंत्री
अमेरिका और ब्रिटेन में पढ़ाई करने वाले कोनराड संगमा अपने पिता पीए संगमा की ओर से गठित एनपीपी का नेतृत्व कर रहे हैं. संभावना जताई जा रही है कि एनपीपी, भाजपा और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ मिलकर मेघालय में सरकार बना सकती है.
शिलांग : पूर्वोत्तर भारत के प्रमुख राज्यों में शुमार मेघालय में गुरुवार को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं. यहां पर लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष पीए संगमा के बेटे कोनराड के संगमा के नेतृत्व में उनका दल नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने एक बार फिर परचम लहराया है. कोनराड के संगमा वर्ष 2004 के दौरान मेघालय में एक शक्तिशाली नेता के तौर पर उभरकर सामने आए थे. हालांकि, 2004 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन तब से लेकर अब तक के उनके राजनीतिक सफर का मूल्यांकन करें, तो कोनराड संगमा अपने नेतृत्व कौशल के दम पर एक बार फिर मेघालय के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं.
पीए संगमा के बेटे हैं कोनराड
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, खबर लिखे जाने तक मेघालय विधानसभा चुनाव के लिए घोषित नतीजों में कोनराड के संगमा की पार्टी एनपीपी को करीब 16 सीटों पर जीत मिल चुकी है और करीब 9 सीटों पर वह आगे चल रही है. करीब 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 59 सीटों पर ही मतदान हुआ था. कोनराड के संगमा पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा के बेटे हैं.
अमेरिका से की पढ़ाई
समाचार एजेंसी भाषा की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका और ब्रिटेन में पढ़ाई करने वाले कोनराड संगमा अपने पिता पीए संगमा की ओर से गठित एनपीपी का नेतृत्व कर रहे हैं. संभावना जताई जा रही है कि एनपीपी, भाजपा और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ मिलकर मेघालय में सरकार बना सकती है. इससे पहले, संगमा ने कहा कि हमारी पार्टी को वोट देने के लिए मैं राज्य की जनता का आभारी हूं. हम अब भी संख्याबल में पीछे हैं और अंतिम परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं. उसके बाद हम आगे के रास्ते के बारे में फैसला करेंगे.
Also Read: पूर्वोत्तर में लहराया भगवा, त्रिपुरा-नगालैंड में बीजेपी गठबंधन की बनेगी सरकार, मेघालय में सीटों का फायदा
2008 में पहली बार बने विधायक
वर्ष 2008 में पहली बार विधायक के रूप में चुने गए कोनराड संगमा ने फाइनेंस में एमबीए की डिग्री हासिल की है और उन्होंने 2009 तक वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया. मुकुल संगमा की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कोनराड के संगमा 2009 से 2013 तक विपक्ष के नेता थे. वर्ष 2015 में, उन्होंने गारो हिल्स स्वायत्त जिला परिषद चुनाव में अपनी पार्टी की जीत सुनिश्चित की. अगले वर्ष उनके पिता एवं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा के निधन के बाद वह एनपीपी के अध्यक्ष बने.