Birth Certificate: केंद्र सरकार जन्म प्रमाण पत्र को लेकर बड़ा कदम उठाने जा रही है. सरकार स्कूल में दाखिले से लेकर सरकारी नौकरियों तक के लिए अब जन्म प्रमाण पत्र को अनिवार्य दस्तावेज बनाने पर विचार कर रही है. अंग्रेजी अखबार द हिन्दू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 में संशोधन के लिए एक ड्राफ्ट तैयार किया है. इस ड्राफ्ट के मुताबिक, शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले, वोटर लिस्ट में नाम शामिल करवाने समेत सरकारी नौकरियों, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट जारी करने समेत कई सुविधाओं के लिए जन्म प्रमाण पत्र दिखाना अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव रखा है.
गृह मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित आरबीडी अधिनियम 1969 में संशोधन करने वाले विधेयक में कहा गया है कि स्थानीय रजिस्ट्रारों द्वारा जारी किए गए जन्म प्रमाण पत्र का उपयोग किसी व्यक्ति के जन्म की तारीख और स्थान को साबित करने के लिए किया जाएगा. इसके अलावा
सरकार के प्रस्तावित परिवर्तनों के मुताबिक, अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों के लिए यह अनिवार्य होगा कि वे मृतक के रिश्तेदार के अलावा स्थानीय रजिस्ट्रार को मृत्यु का कारण बताते हुए सभी मृत्यु प्रमाणपत्रों की एक प्रति उपलब्ध कराएं.
शीतकालीन सत्र में पेश हो सकता है विधेयक: द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, इस विधेयक को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है. संसद का शीतकालीन सत्र अगले महीने की 7 तारीख (7 December) से शुरू हो रहा है. उम्मीद की जा रही है कि उसी दौरान विधेयक को पेश किया जा सकता है.
ऑनलाइन हो जाएगी पूरी प्रक्रिया: रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के लिए प्रावधान मौजूद हैं, लेकिन इस कानून में संशोधन के बाद कई उद्देश्यों की पूर्ति के लिए जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा. वहीं, डाटाबेस को मतदाता सूची से भी जोड़ा जाएगा. इसका फायदा होगा कि जब कोई व्यक्ति 18 साल का हो जाएगा तो उसका नाम मतदाता सूची में जोड़ दिया जाएगा और किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर उसका नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा. पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी.