एनआईए कोर्ट ने सोमवार को इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के चार सदस्यों को देशभर में आतंकी हमलों के जरिये सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की आपराधिक साजिश रचने के वर्ष 2012 के एक मामले में दोषी ठहराया है.
7 जुलाई को आतंकियों ने मान ली थी अपनी गलती
विशेष न्यायाधीश शैलेन्द्र मलिक ने आरोपियों – दानिश अंसारी, आफताब आलम, इमरान खान और ओबैद-उर-रहमान को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए)के तहत दोषी ठहराया. अदालत ने यह कहते हुए आदेश पारित किया कि आरोपियों ने सात जुलाई को अपना दोष स्वीकार कर लिया था.
एनआईए ने 2012 में किया था मामला दर्ज
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने भारतीय दंड संहिता की धारा 121 ए (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना) और धारा 123 (युद्ध छेड़ने की योजना को आसान बनाने के इरादे को छिपाने) के तहत सितंबर, 2012 में एक मामला दर्ज किया था. उन्हें यूएपीए की धारा 17 (आतंकवादी गतिविधियों के लिए पैसा जुटाना), धारा 18 (आतंकवादी गतिविधि को अंजाम देने के लिए साजिश), धारा 18ए (आतंकी शिविरों का आयोजन), धारा 18 बी (आतंकवादी वारदात के लिए लोगों की भर्ती करना) और धारा 20 (किसी आतंकी संगठन का सदस्य होना) के तहत भी आरोपी बनाया गया था.
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