नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की तिहाड़ जेल में सलाखों के पीछे से कुख्यात आतंकी संगठन आईएस के इशारे पर देश को दहला देने वाली साजिश रचने का मामला प्रकाश में आया है. इस बड़ी साजिश का दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया है. जनवरी की शुरुआत में ही दिल्ली पुलिस ने तिहाड़ से एक कॉल इंटरसेप्ट किया था. जरा अलग सा लगने वाले इस कॉल से दिल्ली पुलिस को बड़ी कामयाबी हासिल हुई और उसने आतंकियों के बड़े मंसूबे को नाकाम करने में सफलता हासिल की.
मीडिया की खबर के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने जनवरी की शुरुआत में तिहाड़ जेल से जिस कॉल को पकड़ा था, उस कॉल के जरिए कैदी अपने किसी साथी या परिवार से खाने-पीने की चीजें या मादक पदाथ्र नहीं मंगवाता था, बल्कि उसने अपने साथियों से पारे की मांग की थी. ये वही पारा है, जिसका इस्तेमाल अक्सर शरीर का तापमान नापने वाले थर्मामीटर में किया जाता है.
इस बात का पता चलते ही दिल्ली ने इंटरनेट पर खोजबीन की. असली मकसद का पता चलते ही दिल्ली पुलिस के कान खड़े हो गए. इसके बाद पुलिस की एक टीम खासतौर पर लगाई गई, जो पारे की इस साजिश का पर्दाफाश करने में कामयाब रही. पुलिस की छानबीन में पता चला कि जेल के भीतर से दो आतंकियों ने एक बड़ी साजिश रची थी. तिहाड़ में ही कैद दिल्ली दंगों के दो आरोपी उनके निशाने पर थे.
सामूहिक यौन उत्पीड़न और हत्या के आरोपी शाहिद ने रची साजिश
मामले की जानकारी हाथ लगते ही पुलिस ने कॉल करने वाले शाहिद और उसे रिसीव करने वाले असलम पर अपनी निगरानी बढ़ा इी. शाहिद सामूहिक यौन उत्पीड़न और हत्या के आरोप में जेल बंद था. साल 2015 में उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर एक महिला के साथ सामूहिक यौन उत्पीड़न करने के बाद बेरहमी से हत्या कर दी थी. इतना ही नहीं, उसने महिला के दो बच्चों को भी मार दिया था, क्योंकि उन दोनों ने वारदात को अंजाम देते हुए देख लिया था.
इत्र की शीशी में जमा किया गया था पारा
मीडिया की खबर के अनुसार, कॉल रिसीव करने वाले असलम ने पुलिस को बताया कि उसने दवा की दुकानों से करीब 100 थर्मामीटर खरीदे. गूगल पर उनसे पारा जमा करने की जानकारी की. थर्मामीटर तोड़े और ड्रॉपर से पारा निकालकर इत्र की एक शीशी में भरा. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस को उसने बताया कि शाहिद ने उससे ऐसा करने को कहा था. इस पारे का इस्तेमाल में जेल में किसी की हत्या करने के लिए होना था. किसकी हत्या करनी थी, इसका उसे जानकारी नहीं थी.
आईएस के आतंकियों की शह पर रची गई साजिश
दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने अदालत से शाहिद की रिमांड पर मांगा. पूछताछ में उसने कथित तौर पर बताया कि वह अजीमुशान और अब्दुस सामी नाम के दो लोगों के संपर्क में आया था. ये दोनों इस्लामिक स्टेट के ऑपरेटिव्स हैं. इन दोनों ने शाहिद को भड़काया कि वे उन दो लोगों को मार दे, जिन्होंने कथित तौर पर पिछले साल दंगों के दौरान एक मस्जिद को क्षतिग्रस्त किया और उसके समुदाय के कुछ लोगों की जान ली. शाहिद ने पुलिस को बताया वह आईएस की बताई गई विचारधारा से काफी प्रभावित हुआ. आईएस के आतंकियों के कहे के मुताबिक उसने करने की ठान ली. योजना यह थी कि जब कैदी साथ होंगे, तो एक झगड़ा कराया जाएगा और इसी दौरान पारा उन दो कैदियों के शरीर में उतार दिया जाएगा.
कैदियों को आतंक की ट्रेनिंग दे रहे थे आईएस के दो आतंकी
दिल्ली पुलिस फिलहाल सामी और अजीमुशान से पूछताछ कर रही है. तीनों जेल नंबर 3 में मिले थे, जहां पर पूरी साजिश की योजना तैयार की गई. अजीमुशान के साथ आईएस मॉड्यूल में कोई यूनानी डॉक्टर था, जिसने उसे पारा के विषैले इस्तेमाल की जानकारी दी थी. अजीमुशान और सामी दोनों अमरोहा टेरर मॉड्यूल से आते हैं. कई कैदियों से पूछताछ में पता चला कि ये दोनों आतंकी कौम पर अत्याचार की बात बताकर कैदियों को कट्टर बनाने की कोशिश कर रहे थे. दिल्ली पुलिस के खुलासे के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन अब इन आतंकियों पर खास नजर रख रहा है.
Posted by : Vishwat Sen