Constitution Day: संविधान दिवस के मौके पर संसद भवन में संविधान दिवस (Constitution Day) समारोह का आयोजन किया जा रहा है. सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि,कार्यक्रम किसी पॉलिटिकल पार्टी का नहीं था. किसी पीएम का भी नहीं था. यह कार्यक्रम स्पीकर पद की गरिमा थी. यहां बता दें कि, विपक्ष खासकर कांग्रेस ने इस समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया है. कांग्रेस, वामपंथी दल, तृणमूल कांग्रेस, आरजेडी, शिवसेना, राकांपा, सपा, आईयूएमएल और द्रमुक समेत कुल 14 दलों ने संविधान दिवस समारोह का बहिष्कार कर रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि, संविधान की भावना को चोट पहुंची है. संविधान की एक-एक धारा को चोट पहुंची है. उन्होंने कहा कि जो राजनैतिक दल लोकतांत्रिक व्यक्तित्व खो चुके हों, वो लोकतंत्र की रक्षा कैसे कैसे करेंगे.
गौरतलब है कि, सेंट्रल हॉल में आयोजित हो रहे संविधान दिवस (Constitution Day) कांग्रेस समेत 14 दल विरोध कर रहे हैं. इन दलों का कहना है कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार संविधान पर हमले कर रही है. विपक्षी दलों का कहना है कि देश में संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है. इस कारण संविधान दिवस के मौके पर आयोजित समारोह में ये शामिल नहीं हो रहे हैं.
गौरतलब है कि भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर मोदी सरकार आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम आयोजित कर रही है. यह समारोह उसी का हिस्सा है. गौरतलब है कि पिछले साल भी कांग्रेस ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया था. कांग्रेस का कहना है कि जब सरकार संविधान पर लगातार हमले कर रही है, तो ऐसे में संविधान दिवस (Constitution Day) समारोह का दिखावा क्यों किया जा रहा है. हम कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनेंगे.
कांग्रेस के अलावा अन्य विपक्षी दलों का भी यही आरोप है. विपक्ष का आरोप है कि सरकार लगातार संविधान का अपमान कर रही है ऐसे में हम संविधान दिवस (Constitution Day) कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बन सकते. टीएससी ने कहा है कि वो संविधान दिवस कार्यक्रम का बहिष्कार नहीं कर रही है, लेकिन उनका कोई भी प्रतिनिधि समारोह में शामिल नहीं होगा. गौरतलब है कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आज यानी 26 नवंबर को संसद के सेंट्रल हॉल में संविधान दिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.
Posted by: Pritish Sahay