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Constitution Day: विपक्ष की ओर से की जा रही है राहुल गांधी के संबोधन की मांग

संविधान दिवस के अवसर पर संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित होने वाले कार्यक्रम को राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति संबोधित करेंगे. जबकि प्रधानमंत्री कार्यक्रम को संबोधित नहीं करेंगे. सरकार ने केंद्रीय कक्ष को संविधान सदन घोषित किया है.

By Anjani Kumar Singh | November 25, 2024 5:47 PM

Constitution Day: केंद्र सरकार पिछले कुछ सालों से 26 नवंबर को संविधान दिवस के तौर पर मना रही है. इस साल संविधान अपनाने के 75 साल पूरे होने पर संसद में मंगलवार को विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे. पुरानी संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित होने वाले कार्यक्रम को राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति संबोधित करेंगे. जबकि प्रधानमंत्री कार्यक्रम को संबोधित नहीं करेंगे. सरकार ने केंद्रीय कक्ष को संविधान सदन घोषित किया है. इस दौरान संविधान पर एक सिक्का और डाक टिकट जारी किया जायेगा.

साथ ही संस्कृत और मैथिली में संविधान की कॉपी भी जारी होगी. संविधान दिवस कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर मनाने के लिए व्यापक कार्यक्रम आयोजित होगा. पंचायत स्तर पर संविधान की प्रस्तावना पढ़ने की योजना है. गौरतलब है कि विपक्ष की ओर से लोकसभा चुनाव के दौरान संविधान को बदलने का मुद्दा जोर-शोर से उठाया गया और इसका असर चुनाव परिणाम पर दिखा. विपक्ष के संविधान बदलने के एजेंडे को कमजोर करने के लिए भाजपा की ओर से कई कदम उठाए गए और हालिया विधानसभा चुनाव में विपक्ष का यह मुद्दा असरहीन रहा.


विपक्ष कर रहा है राहुल गांधी के संबोधन की मांग

मंगलवार को होने वाले संविधान दिवस कार्यक्रम सरकार और विपक्ष के बीच तनाव का मुद्दा बनता दिख रहा है. इंडिया गठबंधन के नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर इस कार्यक्रम में विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी के संबोधन की मांग की है. विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि सरकार ने विशेष कार्यक्रम के लिए मुख्य मंच पर लोकसभा और राज्यसभा के विपक्षी नेता को जगह दी है. विपक्ष बिना तथ्यों को जाने हर मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने को आतुर रहता है.

इस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री भी संबोधित नहीं कर रहे हैं. ऐसे में राहुल गांधी के संबोधन की मांग का कोई मतलब नहीं है. प्रधानमंत्री एक दूसरे कार्यक्रम को संबोधित करेंगे. जिसमें केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और अन्य लोग मौजूद रहेंगे. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले कार्यकाल के दौरान 26 नवंबर को संविधान दिवस के तौर पर मनाने की शुरुआत की थी. 

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