Constitution Day: राहुल गांधी बोले- जो भी दलितों, आदिवासियों की बात करता है, उसका माइक बंद हो जाता है, देखें VIDEO
Constitution Day: दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में संविधान दिवस कार्यक्रम में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. राहुल जब बोल रहे थे, तब उनका माइक बंद हो गया. इसपर लोकसभा नेता प्रतिपक्ष ने जबरदस्त तंज कसा.
Constitution Day: राहुल गांधी जब बोल रहे थे तब कुछ देर के लिए बिजली कट गई. जिससे उनका माइक बंद हो गया. इसपर राहुल गांधी ने तंज कसते हुए कहा, इस देश में पिछले 3,000 सालों से जो भी दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों, गरीबों की बात करता है, उसका माइक बंद कर दिया जाता है. जब माइक बंद हुआ, तो बहुत से लोग आए और मुझसे कहा कि जाकर बैठ जाओ. मैंने कहा कि मैं बैठूंगा नहीं, मैं खड़ा रहूंगा, जितना चाहो माइक बंद कर लो, मैं जो बोलना चाहता हूं बोलूंगा. यहां पीछे रोहित वेमुला की फोटो है, वह बोलना चाहता था लेकिन उसकी आवाज छीन ली गई.्तार
संविधान की प्रति लहराकर राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर बोला हमला
लकटोरा स्टेडियम में संविधान दिवस कार्यक्रम में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा, क्या इसमें (संविधान में) सावरकर जी की आवाज है? क्या इसमें कहीं लिखा है कि हिंसा का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, लोगों को मारा जाना चाहिए या झूठ का इस्तेमाल करके सरकार चलानी चाहिए? यह सत्य और अहिंसा की किताब है. कुछ दिन पहले हमने तेलंगाना में जाति जनगणना का काम शुरू किया और यह नौकरशाही का काम नहीं है. पहली बार तेलंगाना में जाति जनगणना को सार्वजनिक किया गया है. तेलंगाना के लोगों ने जनगणना की रूपरेखा तैयार की है. भविष्य में जहां भी हमारी सरकार आएगी, हम वहां जाति जनगणना करेंगे.
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एससी, एसटी, पिछड़ों के सामने दीवार खड़ी कर रहे हैं मोदी और आरएसएस: राहुल
राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्गों के सामने दीवार खड़ी करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस चाहे कुछ भी कर लें, देश में जाति जनगणना और आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा तोड़ने का काम होकर रहेगा.
पीएम मोदी ने संविधान को नहीं पढ़ा
राहुल गांधी ने दावा किया कि इस बात की गारंटी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान को नहीं पढ़ा है, क्योंकि यदि उन्होंने पढ़ा होता तो वह वो काम नहीं करते जो रोजाना करते हैं.