चीनी मीडिया के विवादित बोल – ‘पूर्वी लद्दाख में डोकलाम से ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा’

Galwan Valley Violent clash, Indo-China face-off : चीनी मीडिया ने इस मुद्दे पर विवादित लेख छापा है, जिसमें उसने भारत को धमकी दी है कि पूर्वी लद्दाख में डोकलाम से भी ज्‍यादा नुकसान उठाना होगा. चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने प्रॉपेगैंडा फैलाते हुए कहा कि भारत के कदम से दोनों देशों के बीच पहले से भी ज्‍यादा खराब हालात होंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 30, 2020 10:32 PM

नयी दिल्‍ली : लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच विवाद चरम पर है. नरेंद्र मोदी सरकार ने चीन को सोमवार को आर्थिक रूप से बड़ा झटका देते हुए 59 चाइनीज ऐप को भारत में बैन कर दिया. भारत के डिजिटल स्‍ट्राइक पर चीन पूरी तरह से बौखलाया हुआ है. चीन ने भारत के इस कदम पर चिंता व्यक्त की, और कहा कि भारत सरकार पर अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के वैध और कानूनी अधिकारों की रक्षा की जिम्मेदारी है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने भारत में चीनी एप पर रोक के बारे में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, चीन भारत द्वारा जारी नोटिस से अत्यधिक चिंतित हैं. हम स्थिति की जांच और पुष्टि कर रहे हैं.

इधर चीनी मीडिया ने इस मुद्दे पर विवादित लेख छापा है, जिसमें उसने भारत को धमकी दी है कि पूर्वी लद्दाख में डोकलाम से भी ज्‍यादा नुकसान उठाना होगा. चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने प्रॉपेगैंडा फैलाते हुए कहा कि भारत के कदम से दोनों देशों के बीच पहले से भी ज्‍यादा खराब हालात होंगे.

ग्लोबल टाइम्स के संपादक हू शिजिन ने ट्वीट किया और लिखा, अगर चीन के लोग भारत के प्रॉडक्ट्स बॉयकॉट करना भी चाहें तो उन्हें भारतीय प्रॉडक्ट्स मिलेंगे ही नहीं. भारतीय दोस्तों, आपको राष्ट्रवाद के अलावा ज्यादा अहम चीजों की भी जरूरत है.

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चीनी मीडिया ने आगे लिखा, भारत चीन के लिए पहले सबसे पसंदीदा बाजार था. लेकिन कोरोना संकट और मौजूदा सीमा विवाद के बाद संबंध बदलने लगे हैं. ग्‍लोबल टाइम्‍स ने आगे लिखा, भारत के ऐप बैन के फैसले से चीन को नुकसान तो होगा, लेकिन भारत ऐसी स्‍थिति में भी नहीं है कि चीन के मजबूत अर्थव्‍यवस्‍था को नुकसान पहुंचा सके. अखबार ने चेतावनी दी है कि भारत ने जो किया है उससे डोकलाम से भी ज्यादा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है.

गौरतलब है भारत सरकार ने सोमवार को चीन को बड़ा झटका देते हुए टिक-टॉक समेत 59 चाइनीज ऐप पर बैन लगा दिया. इस बीच भारत और चीन सेनाओं के बीच मंगलवार को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर पर तीसरे दौर की बातचीत हुई जिसके केंद्र में पूर्वी लद्दाख के टकराव वाले क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे करने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देना था.

सरकारी सूत्रों ने बताया कि वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास चुशूल सेक्टर में भारतीय जमीन पर हुई. पहले दो दौर की वार्ताओं में भारतीय पक्ष ने यथास्थिति की बहाली और गलवान घाटी, पैंगोंग सो और अन्य क्षेत्रों से चीनी सैनिकों की तत्काल वापसी पर जोर दिया था. पूर्वी लद्दाख में कई जगहों पर पिछले सात सप्ताह से भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं.

posted by – arbind kumar mishra

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