Tamil Nadu : तमिलनाडु के मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने शनिवार को एक ऐसा बयान दिया है जिसने उन्हें फंसा दिया है. अब जहां एक ओर बीजेपी नेताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया है वहीं, कई अन्य सनातन धर्मावलंबियों की भी प्रतिक्रिया सामने आ रही है. उदयनिधि स्टालिन ने शनिवार को कहा कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय के विचार के खिलाफ है और इसे “उन्मूलन” किया जाना चाहिए.
मीडिया एजेंसियों की मानें तो स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से की, जिसकी भाजपा नेताओं ने तीखी आलोचना की है. समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से उन्होंने कहा, “सनातन मलेरिया और डेंगू की तरह है और इसलिए इसे खत्म किया जाना चाहिए, न कि इसका विरोध किया जाना चाहिए.” इन टिप्पणियों की सोशल मीडिया पर भारी प्रतिक्रिया हुई और कई लोगों ने तमिलनाडु के मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की.
तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी पर बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि यह किसी नरसंहार से कम नहीं है और इसे कांग्रेस पार्टी के कार्ति चिदंबरम ने समर्थन दिया है. सवाल क्या यह ‘मोहब्बत की दुकान’ है या यह नफ़रत के भाईजान है? यह ‘सनातन विरोध’ का लंबा पैटर्न है…” वहीं, कांग्रेस नेता नाना पटोले ने स्टालिन की टिप्पणी से पार्टी को दूर कर लिया है. नाना पटोले ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है और ऐसी कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती जिससे किसी की भावनाएं आहत हों.
भाजपा के अमित मालवीय ने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है कि “राहुल गांधी ‘मोहब्बत की दुकान’ की बात करते हैं, लेकिन कांग्रेस के सहयोगी द्रमुक के वंशज सनातन धर्म को खत्म करने की बात करते हैं. कांग्रेस की चुप्पी इस नरसंहार के आह्वान का समर्थन है. अपने नाम के अनुरूप I.N.D.I.A. अलायंस, अगर मौका दिया गया, तो सहस्राब्दी पुरानी सभ्यता को नष्ट कर देगा.”
Udhayanidhi Stalin’s hate speech with Hindi subtitles.
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 2, 2023
Rahul Gandhi speaks of ‘मोहब्बत की दुकान’ but Congress ally DMK’s scion talks about eradicating Sanatana Dharma. Congress’s silence is support for this genocidal call…
I.N.D.I Alliance, true to its name, if given an… https://t.co/hfTVBBxHQ5 pic.twitter.com/ymMY04f983
I.N.D.I.A. गठबंधन के सदस्य डीएमके ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए रणनीतियों को सुव्यवस्थित करने के लिए हाल ही में मुंबई में अन्य विपक्षी नेताओं से मुलाकात की, जहां वे भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. ऐसे में उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी चेन्नई में एक लेखक सम्मेलन में आई जहां उन्होंने कहा कि सनातन धर्म का केवल विरोध नहीं किया जा सकता बल्कि इसे खत्म किया जाना चाहिए. तमिलनाडु के मंत्री ने तर्क दिया कि यह विचार स्वाभाविक रूप से प्रतिगामी है, लोगों को जाति और लिंग के आधार पर विभाजित करता है और मूल रूप से समानता और सामाजिक न्याय का विरोध करता है.
अमित मालवीय के ट्वीट का जवाब देते हुए उदयनिधि स्टालिन ने लिखा, “मैंने कभी भी सनातन धर्म का पालन करने वाले लोगों के नरसंहार का आह्वान नहीं किया. सनातन धर्म एक सिद्धांत है जो लोगों को जाति और धर्म के नाम पर विभाजित करता है. सनातन धर्म को उखाड़ फेंकना मानवता और मानव समानता को कायम रखना है. मैं अपने कहे हर शब्द पर दृढ़ता से कायम हूं. मैंने उत्पीड़ितों और हाशिये पर पड़े लोगों की ओर से बोला, जो सनातन धर्म के कारण पीड़ित हैं.”
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई ने उदयनिधि स्टालिन और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर ईसाई मिशनरियों के विचारों को दोहराने का आरोप लगाया. अन्नामलाई ने एक्स पर लिखा, ‘गोपालपुरम परिवार का एकमात्र संकल्प राज्य सकल घरेलू उत्पाद से परे धन संचय करना है. थिरु उदयनिधि स्टालिन, आप, आपके पिता, या उनके या आपके विचारक के पास ईसाई मिशनरियों से खरीदा हुआ विचार है और उन मिशनरियों का विचार खेती करना था आप जैसे मंदबुद्धि लोग अपनी दुर्भावनापूर्ण विचारधारा को दोहराते हैं.’