National Emblem Parliament: नये संसद भवन पर बने अशोक स्तंभ के अनावरण पर देश में घमासान छिड़ गया है. राजनीतिक दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथ लिया. ऑल इंडिया जलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इसे असंवैधानिक बताया. उन्होंने ट्वीट किया, ‘संविधान, संसद, सरकार और न्यायपालिका की शक्तियों को अलग करता है. सरकार के मुखिया के रूप में प्रधानमंत्री को नये संसद भवन के ऊपर बने राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण नहीं करना चाहिए था.’
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘लोकसभा के अध्यक्ष लोकसभा का प्रतिनिधत्व करते हैं. वह सरकार के अधीन नहीं हैं. पीएमओ ने संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया है.’ वामदलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा पूजा-पाठ को गैरजरूरी बताया. वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि जब संसद सबकी है, तो सभी दलों के लोगों को कार्यक्रम के लिए न्योता क्यों नहीं दिया गया.
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बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के नये भवन की छत पर लगे राष्ट्रीय चिह्न ‘अशोक स्तंभ’ का सोमवार को अनावरण किया. इस अवसर पर लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह मौजूद थे. 20 फीट ऊंचे राष्ट्रीय चिह्न का कुल वजन 9,500 किलोग्राम है. यह पूरी तरह से कांसा से निर्मित है. अशोक स्तंभ को सपोर्ट देने के लिए 6,500 किलोग्राम वजन के स्टील का एक स्ट्रक्चर तैयार किया गया है.
अशोक स्तंभ के अनावरण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के अलावा शहरी विकास मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब 45 मिनट तक नये संसद भवन परिसर में रहे. इस दौरान उन्होंने निर्माण कार्य में लगे मजदूरों से बातचीत भी की.
अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने नये संसद भवन के शिखर पर राष्ट्रीय चिह्न का अनावरण किया. नया संसद भवन आत्मनिर्भर व नये भारत की पहचान बन जन-जन की आशा-आकांक्षाओं की पूर्ति का साक्षी बनेगा. इसके शीर्ष पर स्थापित यह राष्ट्रीय चिह्न हमेशा मुकुटमणि की तरह देदीप्यमान रहेगा.’
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64,500 वर्ग मीटर है नये संसद भवन का क्षेत्रफल
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888 सदस्यों के बैठने की क्षमता है लोकसभा कक्ष में
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384 सदस्यों के बैठने की क्षमता है राज्यसभा कक्ष में
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1,224 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी लोकसभा कक्ष के पास बने कक्ष में. इसमें संयुक्त सत्र की बैठकें होंगी