Cooperation Policy: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि केंद्र का राज्य सहकारिताओं में हस्तक्षेप का इरादा नहीं है. उन्होंने कहा कि हम राज्य कानूनों में एकरूपता लाने के पक्षधर है. दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय सहकारिता नीति के राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन में केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश के विकास में सहकारिता का बहुत योगदान है. यह हमारा मजबूत बुनियाद है जिस पर बड़ी इमारत बनानी है और बाधाओं को नए प्रावधान बनाकर हटाना है. यह तभी होगा जब इस पर सरकारी नीतियां बने.
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने साथ ही कहा कि मंत्रालय के गठन के दूसरे ही दिन एक बैठक की जिस पर एक रूप-रेखा तैयार हुई है. मुझे लगता है कि 8-9 महिने के समय में हम एक संपूर्ण सहकारी नीति देश के सामने रख पाएंगे जो सारी सहकारी नीतियों को संबोधित करेगी. बता दें कि केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 12-13 अप्रैल को प्रस्तावित नई सहकारिता नीति पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आज उद्घाटन किया. नई नीति का उद्देश्य सहकारी समितियों की पहुंच को जमीनी स्तर तक बढ़ाना और सहकारी क्षेत्र को मजबूत करना है. इस नई नीति को चालू वित्त वर्ष के अंत तक अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है.
States have the right to have their own law on cooperatives and we do not intend to interfere in it. We should have the aim of strengthening the cooperative policies: Union Home Minister Amit Shah during National Conference on Cooperation Policy in Delhi pic.twitter.com/XO0NtKeMKO
— ANI (@ANI) April 12, 2022
इससे पहले एक सरकारी बयान में कहा गया है कि मंत्रालय विभिन्न पक्षों के साथ इस तरह के अनेकों सम्मेलनों की एक श्रृंखला आयोजित करने जा रहा है. उसी के तहत यह पहला सम्मेलन है. दूसरे चरण में सरकार सहकारी संघों और यूनियनों के साथ चर्चा करेगी. बयान में कहा गया कि ये प्रयास देश में सहकार से समृद्धि के मंत्र को साकार करने के लिए देश में सहकारी आधारित आर्थिक मॉडल को मजबूत करने के लिए एक नई मजबूत राष्ट्रीय सहकारी नीति तैयार करने में परिणत होंगे. उल्लेखनीय है कि देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए जुलाई 2021 में नया सहकारिता मंत्रालय बनाया गया था.