संविधान के मुताबिक सहकारिता राज्य सरकार का मुद्दा, केंद्र के पास हस्तक्षेप करने की शक्ति नहीं : शरद पवार
Nationalist Congress Party, NCP chief, Sharad Pawar, Ministry of Cooperation : मुंबई : केंद्रीय मंत्रिमंडल में सहकारिता विभाग अमित शाह को दिये जाने पर महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की मुश्किलें बढ़ने की उम्मीद है. राकांपा प्रमुख शरद पवार ने रविवार को कहा कि सहकारिता क्षेत्र से संबंधित कानून महाराष्ट्र विधानसभा में बनाये गये हैं. केंद्र को महाराष्ट्र विधानसभा द्वारा तैयार किये गये कानूनों में हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं है.
मुंबई : केंद्रीय मंत्रिमंडल में सहकारिता विभाग अमित शाह को दिये जाने पर महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की मुश्किलें बढ़ने की उम्मीद है. राकांपा प्रमुख शरद पवार ने रविवार को कहा कि सहकारिता क्षेत्र से संबंधित कानून महाराष्ट्र विधानसभा में बनाये गये हैं. केंद्र को महाराष्ट्र विधानसभा द्वारा तैयार किये गये कानूनों में हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं है.
Laws regarding the Cooperation sector are framed in Maharashtra Assembly. The Centre has no right to interfere in the laws drafted by the Maharashtra Legislative Assembly: NCP chief Sharad Pawar (File photo) pic.twitter.com/or3BZku5Yc
— ANI (@ANI) July 11, 2021
जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार किये जाने पर नया सहकारिता विभाग स्थापित किया गया है. इसका प्रभार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को दिया गया है. महाराष्ट्र में सहकारिता क्षेत्र में राकांपा का प्रभुत्व है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को सहकारिता का प्रभार दिये जाने के बाद राकांपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
मामले को लेकर राकांपा प्रमुख शरद पवार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सहकारी कानून बनाना राज्य की जिम्मेदारी है. महाराष्ट्र विधानसभा ने कानून बनाये हैं. विधानसभा में पारित कानूनों में हस्तक्षेप करने का केंद्र सरकार के पास कोई शक्ति नहीं है. राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि महाराष्ट्र में सहकारिता आंदोलन को केंद्र बाधित कर सकती है.
शरद पवार ने स्पष्ट किया कि सहयोग का मुद्दा संविधान के अनुसार राज्य सरकार का है. उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्रालय कोई नया विषय नहीं है. जब मैं कृषि विभाग का प्रभारी था, यह उस समय भी एक विषय था और अब भी है. मीडिया की खबरों में यह दिखाना कि महाराष्ट्र में इससे सहकारिता आंदोलन प्रभावित होगा, इसमें कोई तथ्य नहीं है.
शरद पवार ने विधानसभा अध्यक्ष के पद को लेकर कहा कि सरकार में शामिल तीनों पार्टियों ने फैसला किया है कि विधानसभा की अध्यक्षता कांग्रेस के पास थी. यह उसी के पास रहेगी. हम तीनों पार्टियों की सहमति कांग्रेस अध्यक्ष के साथ है. किसी को कुछ नहीं कहना है. हम सभी उस फैसले पर कायम हैं.