गुजरात के मोरबी में पुल हादसे के बाद पीएम मोदी के दौरे पर खर्च किए गए 30 करोड़ रुपये? जानें क्या है सच
टीवी चैनल एनडीटीवी अंग्रेजी की वेबसाइट के अनुसार, पुल हादसे के बाद पीएम नरेंद्र मोदी के गुजरात के मोरबी दौरे से जुड़े झूठे आरोप पोस्ट करने के लिए टीएमसी के नेता साकेत गोखले ने फर्जी दस्तावेज पोस्ट किए. पुलिस सूत्रों ने कहा कि राजस्थान में उनकी नाटकीय गिरफ्तारी के एक दिन बाद आज यह आरोप लगाया गया.
नई दिल्ली : साल 2022 के अक्टूबर महीने में गुजरात में हुए मोरबी पुल हादसे को लेकर विभिन्न प्रकार के दावे किए जा रहे हैं. एक दावा यह भी किया जा रहा है कि मोरबी पुल हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब हादसे वाले स्थल का दौरा किया, तो उसमें तकरीबन 30 करोड़ रुपये खर्च हो गए. गौतम अडाणी ग्रुप के खबरिया टीवी चैनल एनडीटीवी अंग्रेजी की वेबसाइट की एक रिपोर्ट में पीआईबी फैक्टचेक के हवाले से खबर दी गई है कि मोरबी पुल हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता साकेत गोखले ने फर्जी दस्तावेज को शामिल करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट करके दुष्प्रचार किया. इस मामले में टीएमसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले को जयपुर से गिरफ्तार कर लिया गया.
झूठे आरोप में जयपुर से गिरफ्तार किए गए टीएमसी के नेता साकेत गोखले
टीवी चैनल एनडीटीवी अंग्रेजी की वेबसाइट के अनुसार, पुल हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात के मोरबी दौरे से जुड़े झूठे आरोप पोस्ट करने के लिए तृणमूल कांग्रेस के नेता साकेत गोखले ने फर्जी दस्तावेज पोस्ट किए. पुलिस सूत्रों ने कहा कि राजस्थान में उनकी नाटकीय गिरफ्तारी के एक दिन बाद आज यह आरोप लगाया गया. तृणमूल के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले को सोमवार की देर रात जयपुर में पीएम मोदी पर फर्जी खबर फैलाने वाले एक ट्वीट के लिए हिरासत में लिया गया था. यह गिरफ्तारी अहमदाबाद में भाजपा नेता अमित कोठारी की पुलिस शिकायत के बाद हुई. इसके बाद उन्हें जालसाजी जैसे आरोपों का सामना करना पड़ेगा, जिससे पांच साल की जेल हो सकती है.
ट्वीट पर जांच शुरू
टीएमसी नेता साकेत गोखले की ओर से 1 दिसंबर के ट्वीट में सूचना के अधिकार (आरटीआई) के जवाब का हवाला दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री की मोरबी यात्रा का गुजरात सरकार को 30 करोड़ रुपये खर्च करना पड़ा, जो पीड़ितों को दिए गए मुआवजे से कहीं अधिक है. उसी दिन सरकार की तथ्य-जांच इकाई द्वारा इसे फर्जी के रूप में चिह्नित किया गया था. एक आरटीआई के हवाले से एक ट्वीट में दावा किया जा रहा है कि पीएम के मोरबी दौरे पर 30 करोड़ रुपये खर्च हुए.
Quoting an RTI, It is being claimed in a tweet that PM’s visit to Morbi cost ₹30 cr.#PIBFactCheck
▪️ This claim is #Fake.
▪️ No such RTI response has been given. pic.twitter.com/CEVgvWgGTv
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 1, 2022
टीएमसी नेता ने ट्वीट में गुजरात समाचार का किया इस्तेमाल
गुजरात पुलिस साइबर सेल के सूत्रों ने गौतम अडाणी ग्रुप के टीवी चैनल एनडीटीवी को बताया कि माना जाता है कि साकेत गोखले ने अपने ट्वीट में मीडिया क्लिपिंग में अखबार गुजरात समाचार के फॉन्ट का इस्तेमाल किया है और दावा किया है कि यह एक आरटीआई जवाब है. गुजरात समाचार ने कोई आरटीआई दाखिल करने से इनकार किया. सूत्रों ने कहा कि पूरे आरटीआई को साकेत गोखले ने तैयार किया था. उन्होंने यह भी बताया कि आरटीआई का जवाब देने में आमतौर पर लगभग दो महीने लगते हैं. गोखले ने संवाददाताओं से कहा कि यह एक विडंबना थी कि उन्हें ट्वीट के लिए गिरफ्तार किया गया, जब पुल त्रासदी के दोषी (पुल की मरम्मत और रखरखाव के लिए नियुक्त ओरेवा कंपनी के मालिक) मुक्त थे.
गिरफ्तारी के वक्त जयपुर के निजी दौरे पर थे साकेत गोखले
गौतम अडाणी ग्रुप के टीवी चैनल एनडीटीवी के अनुसार, गुजरात पुलिस ने पुष्टि की कि टीएमसी नेता साकेत गोखले को तृणमूल के राज्यसभा नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने ट्वीट किया और इसे भाजपा द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध कहा. उन्होंने कहा कि गोखले ने सोमवार रात दिल्ली से जयपुर के लिए उड़ान भरी थी, जहां से उन्हें गुजरात पुलिस ने उठा लिया. हाल ही में, उनकी दिल की सर्जरी हुई थी और वह जयपुर के निजी दौरे पर थे.
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बिना सुराग के हुई गिरफ्तारी : राजस्थान पुलिस
राजस्थान पुलिस ने कहा कि गुजरात पुलिस के पास कोई सुराग नहीं है. गुजरात पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उन्हें कभी सूचित नहीं किया गया. साकेत गोखले गुजरात राज्य में एक मामले में आरोपी थे. गुजरात पुलिस ने जयपुर मजाकर उन्हें हिरासत में लिया. उसने कहा कि हमने कानूनी प्रक्रिया का पालन किया. गिरफ्तारी से पहले साकेत गोखले को सूचित नहीं किया गया या गुजरात आने के लिए नहीं कहा गया. हमने उन्हें राजस्थान में रोका. फिर भी उन्हें हिरासत में ले लिया गया.