कोरोना पॉजिटिव आने के बाद दोबारा नहीं होगा RTPCR टेस्ट, जानिए क्या है आईसीएमआर की नई एडवाइजरी
ICMR New Advisory For RTPCR Testing देश में कोरोना की दूसरी लहर का व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है और संक्रमित मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लगातार बढ़ते संख्या के बीच देश के कई इलाकों में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी के साथ ही जरूरी दवाईयों की किल्लत होने संबंधी खबरें भी लगातार सामने आ रही है. वहीं कोविड-19 की जांच करने वाले लैब पर भी दबाव बढ़ गया है. इस बीच, आईसीएमआर (ICMR) ने मंगलवार को कोरोना जांच (Corona Test) को लेकर नई एडवाइजरी जारी की है.
ICMR New Advisory For RTPCR Testing देश में कोरोना की दूसरी लहर का व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है और संक्रमित मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लगातार बढ़ते संख्या के बीच देश के कई इलाकों में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी के साथ ही जरूरी दवाईयों की किल्लत होने संबंधी खबरें भी लगातार सामने आ रही है. वहीं कोविड-19 की जांच करने वाले लैब पर भी दबाव बढ़ गया है. इस बीच, आईसीएमआर (ICMR) ने मंगलवार को कोरोना जांच (Corona Test) को लेकर नई एडवाइजरी जारी की है.
Indian Council of Medical Research (ICMR) issues advisory for COVID19 testing during the second wave of the pandemic; RTPCR test must not be repeated in any individual who has tested positive once either by RAT or RTPCR. pic.twitter.com/Tjkez7lmaL
— ANI (@ANI) May 4, 2021
आईसीएमआर ने कहा है कि आरटीपीसीआर (RTPCR) और रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT) टेस्ट में अगर कोई व्यक्ति एक बार कोरोना पॉजिटिव आ जाता है, तो उसे दोबारा उसका RTPCR या RAT टेस्ट नहीं होगा. आईसीएमआर की ओर से जारी एडवाइजरी में लैब पर दबाव कम करने के लिए आरटीपीसीआर जांच को कम से कम करने और रैपिड एंटीजन जांच को बढ़ाने की बात कही गई है. कहा गया है कि देश में तेजी से बढ़ रहे संक्रमितों के कारण कोरोना जांच करने वाली प्रयोगशालाएं बेहद दबाव में काम कर रही हैं. ऐसे में बढ़ते कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जांच के लक्ष्य को पूरा करने में कठिनाई हो रही है. वहीं, प्रयोगशालाओं का कुछ स्टाफ भी संक्रमित है.
आईसीएमआर की ओर से जारी की गयी एडवाइजरी में कहा है कि रैपिड एंटीजन टेस्ट को कोरोना जांच के लिए जून 2020 में अपनाया गया था. मौजूदा दौर में यह कंटेनमेंट जोन और कुछ हेल्थ सेंटर पर ही सीमित है. इस टेस्ट का फायदा यह है कि इससे 15 से 20 मिनट में ही कोरोना की रिपोर्ट का पता चल जाता है. ऐसे में मरीज को जल्द ठीक होने में भी मदद मिलती है.
एडवाइजरी में रैपिड एंटीजन टेस्ट को सभी सरकारी और निजी हेल्थकेयर फैसिलिटी में अनिवार्य करने की बात कही गयी है. साथ ही शहरों, कस्बों, गांवों में लोगों की बड़े स्तर पर जांच के लिए RAT बूथ लगाने को कहा गया है. इनमें स्कूल-कॉलेज, कम्युनिटी सेंटर, खाली स्थानों को भी शामिल करने की बात कही गयी है. साथ ही कहा गया है कि ये बूथ 24*7 काम करें और स्थानीय प्रशासन द्वारा अपने स्तर पर ड्राइव थ्रू बूथ भी शुरू किया जा सकता है.
आईसीएमआर के सुझावों पर एक नजर– कोरोना संक्रमित के उपचार के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज के समय टेस्ट की आवश्यकता नहीं है.
– लैब में दबाव कम करने के लिए अंतरराज्यीय परिवहन करने वाले स्वस्थ लोगों का आरटीपीसीआर टेस्ट की अनिवार्यता को पूरी तरह से हटाया जाए.
– फ्लू या कोविड 19 के लक्षण वाले लोगों को गैर जरूरी यात्रा, अंतरराज्यीय यात्रा करने से बचना चाहिए. ताकि संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सकें.
– गैर लक्षण वाले लोगों को यात्रा के दौरान कोरोना से जुड़े गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए.
– राज्यों को आरटीपीसीआर टेस्ट को मोबाइल सिस्टम के जरिये बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
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