दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, कोर्ट ने कहा- अधिकारियों को जेल में डालकर नहीं लाई जा सकती ऑक्सीजन
Supreme Court On Corona कोरोना संकट के बीच ऑक्सीजन की कमी और अवमानना के मुद्दे पर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से दलील देते हुए कोर्ट में कहा कि केंद्र सरकार के अधिकारी ऑक्सीजन उपलब्ध कराने को लेकर लगातार कोशिश कर रहे हैं, ऐसे में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा अवमानना प्रोसिडिंग का आदेश देना दुर्भाग्यपूर्ण है. इस बीच दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ अवमानना कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने लगा दी है और दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई के संबंध में गुरुवार को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है.
Supreme Court On Corona कोरोना संकट के बीच ऑक्सीजन की कमी और अवमानना के मुद्दे पर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से दलील देते हुए कोर्ट में कहा कि केंद्र सरकार के अधिकारी ऑक्सीजन उपलब्ध कराने को लेकर लगातार कोशिश कर रहे हैं, ऐसे में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा अवमानना प्रोसिडिंग का आदेश देना दुर्भाग्यपूर्ण है. इस बीच दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ अवमानना कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने लगा दी है और दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई के संबंध में गुरुवार को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है.
The Union of India has approached Supreme Court today against yesterday's Delhi High Court's order asking officials monitoring oxygen procurement and supply to states, including Delhi, to be present during today’s hearing
— ANI (@ANI) May 5, 2021
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने सवाल किया कि आपने दिल्ली को कितना ऑक्सीजन दिया है. साथ ही केंद्र ने हाईकोर्ट में ये कैसे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली को 700 एमटी ऑक्सीजन सप्लाई का आदेश नहीं दिया है. केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि अप्रैल से पहले ऑक्सीजन की डिमांड ज्यादा नहीं थी. लेकिन, अब ये अचानक बढ़ी है. दिल्ली को 450 एमटी ऑक्सीजन की जरूरत है. सुप्रीम कोर्ट में ऑक्सीजन के मुद्दे पर सुनवाई के दौरान जजों ने कहा कि अवमानना निश्चित तौर पर समाधान नहीं है. सरकार बताए कि वो ठोस तौर पर क्या कर रही है.
गौर हो कि दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को ऑक्सीजन संकट के मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था. इसके बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और आज ही इस मामले पर सुनवाई की अपील की थी. केंद्र सरकार की अपील पर मामले को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच ने मामले की सुनवाई की. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जेल में अधिकारियों को डालकर या उनकी खिंचाई करके या अवमानना का केस चलाकर ऑक्सीजन नहीं लाई जा सकती है. ऑक्सीजन की सुनिश्चित सप्लाई के लिए आप कौन से कदम उठाए हैं.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आप ऑक्सीजन के लिए इधर-उधर भाग रहे हैं. इस बारे में ठोस जवाब दिया जाहिए कि आप क्या कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने एक तरफ दिल्ली सरकार से कहा कि आप मुंबई से क्यों नहीं कुछ सीखते हैं. किस तरह से उन्होंने कोरोना काल में अच्छा काम किया है. इसके साथ ही केंद्र सरकार से पूछा कि वो बताए कि कैसे दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित होगी. यहां पर सिर्फ एक दूसरे की खामियों को बता या गिनाकर कुछ नहीं होने वाला है. आप लोगों को बताना होगा कि इस समस्या से निपटने के लिए उपाय क्या है.