मुंबई : महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का कहर नहीं थम रहा है. इससे ने केवल महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार चिंतित है, बल्कि केंद्र सरकार भी काफी परेशान है. यहां कोरोना की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है. 36 में से 34 जिले इससे प्रभावित हो चुके हैं. महाराष्ट्र में आज कोरोना के रिकॉर्ड 1362 नये मामले सामने आये हैं. बुधवार को भी आंकड़ा 1233 था, इस प्रकार दो दिनों में संक्रमितों की संख्या 2600 पहुंच गयी. ताजा अपडेट के अनुसार राज्य में कोरोना से संक्रमितों की संख्या बढ़कर 18120 हो गयी है. इधर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विपक्ष के साथ कोरोना को लेकर बैठक की.
अगर देश के आंकड़ों पर अगर गौर करेंगे, तो पता लगेगा कि महाराष्ट्र की स्थिति कितनी खराब है. देश में कोरोना वायरस के कारण कुल 52952 लोग संक्रमित हैं और 1783 लोगों की मौत हुई है. वहीं 15267 लोग ठीक भी हुए हैं. देश के पूरे आंकड़े के 34 प्रतिशत केस अकेले महाराष्ट्र से हैं. महाराष्ट्र में भी सबसे अधिक मुंबई में कोरोना का कहर है. यहां 10 हजार से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में करीब 28.83 प्रतिशत मरीज अब तक ठीक हो चुके हैं. कुल मामलों में 111 विदेश नागरिक भी शामिल हैं. प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद की पूर्व सदस्य शमिका रवि की ओर से किए डेटा विश्लेषण के मुताबिक, एक्टिव मामले 6.6 फीसदी की दर से बढ़ रहे हैं और हर 11 दिन में दोगुने हो रहे हैं.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रदेश में कोरोना वायरस की स्थिति पर विपक्ष के नेताओें के साथ बृहस्पतिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये चर्चा की. ठाकरे ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा कि केन्द्र सरकार राज्य के साथ सहयोग कर रही हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी हर चर्चा और निर्देश के लिए हमेशा उपलब्ध रहते हैं. उन्होंने कहा, मैं आपसे फोन पर बात कर रहा हूं और आपकी राय ले रहा हूं. आप जो मीडिया में कह रहे हैं वे भी मैं देख रहा हूं. अगर अच्छे सुझाव होते हैं तो मैं प्रशासन से उस पर गौर करने को भी कहता हूं.
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विपक्ष की ओर से भाजपा के देवेंद्र फडणवीस तथा प्रवीण दारेकर, मनसे प्रमुख राज ठाकरे, वीबीए नेता प्रकाश आम्बेडकर, पीआरपी नेता जोगेंद्र कवाड़े सहित कई नेताओं ने हिस्सा लिया. राज ठाकरे ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने लॉकडाउन को लागू कराने में पुलिस की सहायता के लिय प्रदेश रिजर्व पुलिस के जवानों को तैनात किये जाने का सुझाव दिया.
इस बीच, महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में लॉकडाउन के कारण फंसे प्रवासी मजदूरों को गृह निवास लौटने के लिए कोई चिकित्सा प्रमाणपत्र दिखाने की जरूरत नहीं है, जैसा कि पहले कहा गया था. सरकार ने बताया कि प्रवासी / फंसे हुए लोग जो अपने गृह निवास वापस लौटना चाहते हैं, उनकी यात्रा के दौरान मुफ्त में जांच की जाएगी.