रेमेडिसिविर कोई मैजिक बुलेट नहीं, कोरोना की दूसरी लहर पर देश के तीन बड़े डॉक्टरों ने जानिए ऑक्सीजन लेवल को लेकर क्या कहा
Remdesivir Corona Cases In India देशभर में कोरोना की दूसरी लहर का कहर जारी है. कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. केंद्र सरकार के साथ ही राज्य की सरकारें कोरोना के मामलों को रोकने के लिए लॉकडाउन और नाइट कफ्यू जैसे विकल्पों का चुनाव कर रहे है. इस बीच, देशभर में रेमेडिसिविर और ऑक्सीजन की कमी को लेकर कई मामले सामने आए है. वहीं, कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर देश के तीन बड़े डॉक्टरों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. इस दौरान एक्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि रेमेडिसिविर को मैजिक बुलेट नहीं समझना चाहिए.
Remdesivir Corona Cases In India देशभर में कोरोना की दूसरी लहर का कहर जारी है. कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. केंद्र सरकार के साथ ही राज्य की सरकारें कोरोना के मामलों को रोकने के लिए लॉकडाउन और नाइट कफ्यू जैसे विकल्पों का चुनाव कर रहे है. इस बीच, देशभर में रेमेडिसिविर और ऑक्सीजन की कमी को लेकर कई मामले सामने आए है. वहीं, कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर देश के तीन बड़े डॉक्टरों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. इस दौरान एक्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि रेमेडिसिविर को मैजिक बुलेट नहीं समझना चाहिए.
Less percentage of people require hospitalisation. The hospital beds should be utilised judiciously & with responsibility. This responsibility rests on all of us: Dr Naresh Trehan, Medanta on COVID19 pic.twitter.com/Ddq1O5RE3s
— ANI (@ANI) April 21, 2021
इन डॉक्टर्स की टीम में एम्स दिल्ली के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया, नारायण हेल्थ के चेयरमैन डॉ. देवी शेट्टी और मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन शामिल हुए. वहीं, रेमेडिसिविर को लेकर मेदांता के डॉ नरेश त्रेहन ने कहा कि रेमेडिसविर रामबाण नहीं है. उन्होंने कहा कि रेमेडिसिविर केवल उन लोगों में वायरल लोड को कम करता है, जिन्हें इसकी आवश्यकता है. डॉ त्रेहन ने कहा, कोरोना वायरस से संक्रमित होने के लक्षण दिखाई देने पर खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए और बिना देरी किए इलाज शुरू कर देना चाहिए. डॉ. त्रेहान के अनुसार, कोरोना की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर तुरंत अस्पताल की तरफ नहीं भागें. हालांकि, ऑक्सीजन के स्तर में उतार-चढ़ाव होने पर अस्पताल में भर्ती हो सकते हैं.
डॉ त्रेहन ने आगे कहा कि कम प्रतिशत में संक्रमित लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है. अस्पताल के बेड्स का उपयोग जिम्मेदारी के साथ होना चाहिए. वहीं, नारायण हेल्थ के चेयरमैन डॉक्टर शेट्टी ने बताया कि अगर आपको कोरोना के लक्षण नजर आ रहे हैं तो घबराएं नहीं, बल्कि डॉक्टर से सलाह लेने के साथ ही बिना देर किए कोरोना टेस्ट कराएं. अगर हालत ज्यादा गंभीर नहीं है, तो घर पर ही इलाज करवाएं और अस्पताल में भर्ती होने से बचें.
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