Corona Cases In India Supreme Court Notice To Center Govt देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या के बीच अस्पतालों में बेड की कमी होने के साथ ही कई राज्यों से ऑक्सीजन की किल्लत होने संबंधी शिकायतें लगातार मिल रही है. इन सबके बीच, कोरोना की दूसरी लहर के व्यापक प्रभाव के बीच सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से आपदा से निपटने के लिए प्लान मांगा है. देशभर में कोरोना के तेजी से बढ़ रहे मामलों और सुविधा के अभाव में मरीजों को इलाज मिलने में हो रही परेशानियों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि वह ऑक्सीजन की आपूर्ति तथा कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक दवाओं समेत अन्य मुद्दों पर नेशनल प्लान चाहता है.
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एसआर भट की तीन सदस्यीय पीठ ने देश में कोरोना की गंभीर स्थिति का स्वत: संज्ञान लिया है. पीठ ने कहा कि वह देश में कोरोना वैक्सीनेशन के तौर-तरीके से जुड़े मुद्दे पर भी विचार करने के साथ ही वैश्विक महामारी के बीच लॉकडाउन घोषित करने की उच्च न्यायालयों की शक्ति से जुड़े पहलू का भी आकलन करेगी. इसने कहा कि कम से कम छह उच्च न्यायालय कोविड-19 संबंधित मुद्दों की सुनवाई कर रहे हैं, जिससे अलग-अलग प्राथमिकताओं के आधार पर भ्रम पैदा हो सकता है और संसाधन भी अलग-अलग दिशा में लगेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान की कार्यवाही में उसकी मदद के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे को न्याय मित्र नियुक्त किया है और केंद्र को नोटिस जारी करते कहा है कि वह मामले में शुक्रवार को सुनवाई करेगी. पीठ ने कहा कि वह चार मुद्दों ऑक्सीजन की आपूर्ति, आवश्यक दवाओं की आपूर्ति, टीकाकरण की प्रणाली और तरीके के संबंध में जानना चाहते हैं. हम लॉकडाउन लगाने का अधिकार राज्य के पास रखना चाहते हैं और इसे न्यायिक फैसला नहीं बनाया जाना चाहिए. अदालत ने कहा कि केंद्र उच्च न्यायालयों में राष्ट्रीय योजना प्रस्तुत कर सकता है.
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