कोरोना संकट के बीच 14 जुलाई से अंतरिक्ष में घटने वाली है अनोखी खगोलीय घटना, देखकर हो जाएंगे रोमांचित

Coronac risis , unique astronomical event , देश-दुनिया इस समय कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा है. इस बीच धरती और आसमान में इस वर्ष कई दुर्लभ घटनाएं भी घट रही हैं. कई घटनाओं का लोगों ने काफी आनंद लिया, तो कई घटनाओं ने लोगों को डराया भी. कोरोना संकट के बीच 14 जुलाई से आसमान में एक अनोखी खगोलीय घटना घटने वाली है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2020 7:32 PM
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नयी दिल्ली : देश-दुनिया इस समय कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा है. इस बीच धरती और आसमान में इस वर्ष कई दुर्लभ घटनाएं भी घट रही हैं. कई घटनाओं का लोगों ने काफी आनंद लिया, तो कई घटनाओं ने लोगों को डराया भी. कोरोना संकट के बीच 14 जुलाई से आसमान में एक अनोखी खगोलीय घटना घटने वाली है.

अंतरिक्ष की दुनिया में दिलचस्‍पी रखने वालों के लिए यह बड़ी खबर हो सकती है. बताया जा रहा है कि 14 जुलाई से भारत के आसमान में C 2020 F3 नामक एक अनोखे धूमकेतू या पुच्‍छल तारे को 20 दिनों तक देखा जा सकेगा. बताया जा रहा है कि 14 जुलाई से प्रत्येक दिन धूमकेतू को 20 मिनट तक लोग देख सकेंगे. इस अनाखे धूमकेतू का नाम NEOWISE दिया गया है.

ओडिशा तारामंडल के उप निदेशक डॉ सुभेंदू पटनायक ने बताया कि नासा के नियर अर्थ वाइड-फील्ड इन्फ्रारेड सर्वे एक्सप्लोरर टेलीस्कोप द्वारा मार्च में इस धूमकेतू को खोजा गया था. सुभेंदू पटनायक का अनुमान है कि यह धूमकेतू 22-23 जुलाई को पृथ्वी के सबसे करीब होगा. ये भी बताया जा रहा है कि यह अगले सप्ताह में उत्तर-पश्चिमी में दिखायी देगा.

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पटनायक ने अनुसार अगस्‍त से यह धूमकेतू धीरे-धीरे दिखना बंद हो जाएगा. उन्होंने बताया कि टेलीस्‍कोप और दूरबीन के जरिये इसे जुलाई में साफ देखा जा सकेगा.

क्या होता है धूमकेतू

धूमकेतु दरअसल सौरमण्डल में पाए जाने वाला एक पिंड होता है. जो मूल रूप से पत्थर, धूल, बर्फ और गैस जैसे तत्वों से मिलकर बना होता है. तेज गति के कारन धूमकेतु के पीछे दुम की तरह एक लम्बी लाइन दिखाई देती है. जो सूर्य के प्रकाश में चमकदार हो जाता है. यह ग्रहों की तरह यह भी सूर्य की परिक्रमा करता हैं. धूमकेतु को बोलचाल की भाषा में पुच्छ्ल तारा भी कहा जाता है.

Posted By – Arbind kumar mishra

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