Loading election data...

दावा : भारत में सरकारी आंकड़ों से सात गुना ज्यादा लोगों की कोरोना से हो गयी मौत, सरकार ने कहा-बेबुनियाद है आंकड़ा

सरकार ने इकोनोमिक में छपी एक रिपोर्ट के बाद दी है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जो भी आंकड़ा देश के सामने है, उससे असल में मौत का आंकड़ा पांच से सात गुणा ज्यादा है. सरकार की तरफ से आयी प्रतिक्रिया में पत्रिका का नाम नहीं लिया गया है लेकिन उनके इस दावे को नकारते हुए सरकार ने यह जरूर कह दिया है कि इस तरह की रिपोर्टिंग का कोई आधार नहीं है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 13, 2021 8:05 AM
an image

भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या और कोरोना से हुई मौत का आंकड़ा बिल्कुल पारदर्शी है. इस आंकड़ों को राज्य और केंद्रशासित प्रदेश भी मिलकर मजबूत बना रहे हैं. मीडिया में रिपोर्टिंग का यह मजबूत आधार है, इससे पता चलता है कि देश में संक्रमण की स्थिति क्या है.

उपरोक्त बातें सरकार ने इकोनोमिक में छपी एक रिपोर्ट के बाद दी है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जो भी आंकड़ा देश के सामने है, उससे असल में मौत का आंकड़ा पांच से सात गुणा ज्यादा है. सरकार की तरफ से आयी प्रतिक्रिया में पत्रिका का नाम नहीं लिया गया है लेकिन उनके इस दावे को नकारते हुए सरकार ने यह जरूर कह दिया है कि इस तरह की रिपोर्टिंग का कोई आधार नहीं है.

Also Read: वायरल ऑडियो: बोले दिग्विजय, सत्ता में आये तो जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 दोबारा बहाल करेंगे

सरकार ने कहा, यह भ्रम फैलानी वाली रिपोर्टिंग है. कहीं से भी उनके आंकड़ों की पुष्टि नहीं होती है. उन्होंने यह भी कहा कि सी वोटर और प्रश्नम ने कभी भी हेल्थ के क्षेत्र में शोध नहीं किया और ना ही सरकार ने इनके साथ कोई काम किया है.

सरकार ने कहा, यह बात मैगजीन भी मानती है कि जिन आंकड़ों को वह प्रदर्शित कर रहे हैं वह अविश्वसनीय और स्थानीय डाटा से निकाला गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन आंकड़ों का खंडन करते हुए यह बातें कही है.

इस रिपोर्ट में मैगजीन ने वर्जीनिया कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी के शोध का भी जिक्र है. यह शोध इंटरनेट पर की गयी है. इस शोध में पूरी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है. मैगजीन ने इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी कि यह आंकड़े कैसे लाये गये, शोध का तरीका क्या था.

Also Read: Farmers Protest : फिर आंदोलन तेज कर रहे हैं किसान, देशभर में राजभवन के बाहर करेंगे विरोध प्रदर्शन

इस रिपोर्ट में गलत तथ्य, गलत विशलेषण प्रस्तुत किया गिया है सरकार ने इस रिपोर्टिंग पर प्रतिक्रिया देते हुए आगे कहा, यह बिना किसी महामारी विज्ञान के आंकड़ों के सिर्फ और सिर्फ बेबुनिया आंकड़ों पर आधारित है. इसमें जिस तरह के आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया है वह मान्य नहीं है.

Exit mobile version