डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरिएंट का सबसे ज्यादा खतरा 50 के पार लोगों को, क्या है सुरक्षित रहने के उपाय ?

कोरोना संक्रमण की पहली लहर में बुजुर्गों पर संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा था अब कोरोना के नये वेरिएंट से दूसरे लोग भी संक्रमण की जद में है. तीसरी लहर में बच्चों पर संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 7, 2021 8:44 AM

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने देश में सबसे ज्यादा कहर बरपाया है. तीसरी लहर की आशंका के बाद संक्रमण को लेकर सतर्कता बरती जा रही है. दूसरी रफ्तार में कोरोना के कई नये वेरिएंट का पता चला इस वेरिएंट ने सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है.

कोरोना संक्रमण की पहली लहर में बुजुर्गों पर संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा था अब कोरोना के नये वेरिएंट से दूसरे लोग भी संक्रमण की जद में है. तीसरी लहर में बच्चों पर संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा है.

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विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना संक्रमण के डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरिएंट भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा है. इस वेरिएंट का शिकार सभी उम्र के लोग हो रहे हैं. इसकी सबसे खतरनाक बात यह है कि यह तेजी से फैलता है . डेल्टा वेरिएंट के म्यूटेशन को K417N ना दिया गया. यह म्यूटेशन कोरोनावायरस के बीटा और गामा वैरिएंट्स में भी मिला था. यह संक्रमण दूसरे वेरिएंट के मुकाबले तेजी से फेफड़ों में फैलता है संक्रमण जल्दी और खतरनाक तरीके से फैलता है.

कोरोना संक्रमण के सभी वेरिएंट में डेल्टा वेरिएंट ने सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. इंग्लैंड में जारी एक शोध के अनुसार इस वेरिएंट से 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के साथ यंग लोग ऐसे लोग जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली या वैक्सीन की पहली डोज ली है उन्हें संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है.

इंग्लैंड में हुए शोध के अनुसार यहां हुई ज्यादातर मौत 50 साल से अधिक उम्र के थे. इनमें ज्यादातर लोग ऐसे थे जिन्होंने वैक्सीन ली थी. इसके बाद वैक्सीन ना लिये लोगों की संख्या है और साथ ही वैक्सीन की एक डोज ले चुके लोग भी इसमें शामिल थे.

इस वेरिएंट में सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्ग और युवाओं को है इंग्लैंड में हुए एक शोध के अनुसार इस वेरिएंट का खतरा बुजर्गों के साथ – साथ युवाओं को भी सबसे ज्यादा है. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर भले धीरे – धीरे कम हो रही है लेकिन खतरा अभी पूरी तरह हटा नहीं है.

दुनिया भर के देशों में वैक्सीनेशन पर ध्यान दिया जा रहा है. वैक्सीनेशन की रफ्तार भले तेज की गयी हो लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि इस वेरिएंट का वैक्सीन लेने के बाद कितना खतरा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया है कि वैक्सीन लेने के बाद संक्रमण का खतरा कम हो जाता है. वायरस खुद को वैक्सीन से लड़ने के लिए तैयार भी करता है.

इंग्लैंड में हुए शोध के अनुसार भारत में लगायी जा रही वैक्सीन डेल्टा प्लस वेरिएंट से लड़ने में पूरी तरह कारगर है. इस शोध में बताया गया है कि वैक्सीन की पहली डोज के बाद 80% और दूसरे डोज के बाद 96% लड़ने की क्षमता आ जाती है.

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अगर आपने वैक्सीन ली है तो आसानी से आपके शरीर में संक्रमण का खतरा नहीं होगा, अगर संक्रमण फैला तो वैक्सीन उससे लड़ने में कारगर होगी. डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर कई तरह की जानकारियां अब भी नहीं है. इसे लेकर हर दिन नये खुलासे हो रहे हैं. कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रहने का एक मात्र तरीका है वैक्सीन.

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